पुराने स्थान पर ही पशुचिकित्सालय शुरू करें

    Loading

    वाशिम. शहर के शुक्रवारपेठ क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों तक शुरू व अभी बंद हुए पशुचिकित्सालय के जगह पर गैर उपयोग हो रहा है. इस पुराने पशुचिकित्सालय पर नागरिकों ने चारो ओर से स्वयं के खर्च से विविध पौधारोपण किया है. लेकिन अब इस जगह का गैर उपयोग किया जा रहा है़  इसलिए इस सरकारी पुराने पशुचिकित्सालय पर पशुचिकित्साल ही अथवा ध्यान केंद्र शुरू करने की मांग परिसर के नागरिकों व्दारा की जा रही है. इस संदर्भ में सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भडके ने पहल करके व नागरिकों के हस्ताक्षर समेत एक निवेदन नप मुख्यधिकारी को सौंपा है़  

    निवेदन में शहर के शुक्रवारपेठ क्षेत्र में स्वतंत्रता पूर्व काल से तो वर्ष 2013 तक यहां पर पशुचिकित्सालय शुरू था़  शहर के साथ ही आसपास के ग्रामों से किसान अपने पशुओं को इस पशुचिकित्सालय में उपचार के लिए लाते थे़  जिले में किसानों की संख्या अधिक होने से उनके पास रहनेवाले पशुओं की संख्या भी ज्यादा है़  उनको यह पशुचिकित्सालय अपने पशुओं की चिकित्सा के लिए अधिक सुविधाजनक होने से यहां पर पशुओं के उपचार के लिए वे आते थे़.

    लेकिन वर्ष 2013 के बाद यह चिकित्सालय बंद हो गया़  तो अब नए पशुचिकित्सालय की दूरी ज्यादा होने से शहर के साथ आसपास के ग्रामों के नागरिकों को अपने पशुओं पर उपचार करना संभव नही हो रहा है़  इस पुराने पशुचिकिल्यालय के जगह पर कचरे का स्थान बन गया है़  इसलिए इस जगह पर स्वच्छता रहने के हेतु परिसर के कुछ नागरिकों ने स्वयं के खर्च से चारो बाजुओं से पौधारोपण करके परिसर में नियमित स्वच्छता रखी थी़  लेकिन इस जगह को कंपाऊड वॉल नही होने से यहां पर ट्रक व अन्य वाहनें खड़ी करके इस जगह का गैर उपयोग किया जा रहा है़.

    इस जगह पर पूर्व के मुताबिक पशुचिकित्सालय शुरू होने पर गांव के पशुधारकों को अपने बीमार पशुओं पर इलाज करने के लिए सुविधा होगी़  और समीपी ग्राम काकडदाती, ब्राम्हणवाडा, धुमका, सुरकंडी, देवाला, सुपखेला आदि गांवों के पशुमालकों को राहत मिलेगी़  इस स्थान पर प्राकृतिक वातावरण रहने से ध्यानकेंद्र भी निर्माण हो सकता है़  इस लिए इस सरकारी जगह का गैर उपयोग टालने की दृष्टि से यहां पर फिर से पशुचिकित्सालय अथवा ध्यान केंद्र शुरू करने की मांग परिसर के नागरिको ने निवेदन व्दारा की है़.