China, intimidated by new decisions of America, said - will give proper and necessary answers

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संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आपात चर्चा में अमेरिका और ब्रिटेन ने हांगकांग पर चीन के विवादास्पद सुरक्षा कानून का मुद्दा उठाया जिससे नाराज चीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को इसके बजाए मिनीपोलिस में प्रदर्शनकारियों पर अमेरिका के अत्यधिक बल प्रयोग और अश्वेत समुदायों के खिलाफ भेदभाव पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार को आपात चर्चा की मांग की जिसके बाद 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने हांगकांग के मुद्दे पर अनौपचारिक ऑनलाइन बैठक की।

संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा,‘‘ आज मैंने परिषद से एक सामान्य प्रश्न किया: क्या हम स्वतंत्रता पसंद करने वाले अन्य लोगों की तरह हांगकांग के लाखों नागरिकों के मानवाधिकारों और गरिमापूर्ण जीवन जीने के उनके तरीके का बचाव करने के लिए कोई सम्मानजनक रुख अपनाने जा रहे हैं या हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने और हांगकांग के लोगों पर अपनी इच्छा को थोपने की अनुमति देंगे जो अपनी स्वतंत्रता और जीवन की अपनी शैली को संरक्षित करने के लिए हमारी ओर देख रहे हैं? ” क्राफ्ट ने कहा कि अमेरिका दृढ़ है और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आह्वान करता है कि वे चीन से अपने निर्णय को वापस लेने और इस संस्था तथा हांगकांग की जनता के प्रति अपनी अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की मांग मे शामिल हों।

वहीं बीजिंग ने इस पर पलटवार करने हुए कहा कि विधेयक को पारित करना पूरी तरह से चीन का आंतरिक मसला है, इसका सुरक्षा परिषद के कामकाज और अधिकारक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन और रूस ने अमेरिका को जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या का जिम्मेदार ठहराया। झांग ने कहा,‘‘हमारा मानना है कि इस मुद्दे पर वक्त बर्बाद करने के बजाए परिषद को ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर अंतराराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर ब्रेक्जिट का प्रभाव, अमेरिका और अन्य देशों की तरफ से लगाए गए एकतरफा प्रतिबंध, मिनीपोलिस में प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग, अफ्रीकी अमेरिकी युवा की हत्या और अफ्रीकी अमेरिकियों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव ।

यह सूची अंतहीन हो सकती है। चीन इन मुद्दे पर आप के साथ मिल कर काम करने के लिए तैयार है।” चीन का समर्थन करते हुए रूस के पहले उप स्थाई प्रतिनिधि दिमित्री पोलीयांसिकी ने ट्वीट कर कहा,‘‘ सुरक्षा परिषद में हांगकांग का मुद्दा उठाना अमेरिका और ब्रिटेन का ‘अजीब कदम’ है। इसे परिषद के सदस्यों का बहुमत नहीं है। यह विभाजनकारी, द्वेषपूर्ण मुद्दा है जिसका अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है और ऐसे मुद्दे परिषद में नहीं लाए जाने चाहिए।” झांग ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन को हांगकांग के मुद्दे में दखल देना तत्काल बंद करना चाहिए। इस बीच चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने मुखपत्र में कहा कि अमेरिका द्वारा हांगकांग को दी गई कुछ व्यापारिक तरजीह को समाप्त करना चीन के आंतरिक मामले में घोर दखल है।(एजेंसी)