China has more aggressive stance in Indo-Pacific: US official
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वाशिंगटन: अमेरिका (America) के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) की अवधारणा ने भारत (India) को वृहद समाधान में समाहित किया है और ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) समान विचारों वाले ‘क्वैड’ देशों (Quad Countries) जैसे साझेदारों के साथ तालमेल बनाने के लिये कुछ नयी व्यवस्थाएं विकसित कर रहा है।

भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया (Australia) और जापान (Japan) ने नवंबर 2017 में काफी समय से लंबित ”क्वैड” गठबंधन को आकार दिया था। इसका मकसद नयी रणनीति बनाकर प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखना है।

हिंद-प्रशांत एक जैव भौगोलिक क्षेत्र है। हिंद महासागर, दक्षिण चीन सागर समेत पश्चिमी-मध्य प्रशांत महासागर इसी क्षेत्र में आते हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर (South China Sea) पर दावा जताता रहा है। ताइवान, फिलिपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावे जताते रहे हैं।

‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का प्रभाव’ विषय पर बृहस्पतिवार को हुई चर्चा के दौरान पूर्वी एशिया एवं प्रशांत मामलों के ब्यूरो के सहायक विदेश सचिव डेविड स्टिलवेल ने सीनेट की विदेश संबंधों से संबंधित समिति को बताया, ”भारत ने इस संबंध में काफी कड़ा रुख अपना रखा है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा ने भारत को वृहद समाधान में शामिल कर लिया है। ” उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा जुटा है। स्टिलवेल ने कहा कि सुरक्षा सहायता से साझेदारों को अपनी संप्रभुता और समुद्री संसाधनों की रक्षा में मदद मिलती है। (एजेंसी)