लंदन: लंदन उच्च न्यायालय (London High Court) ने ब्रिटेन (Britain) में 2021 में होने वाली जनगणना (Census) में सिख जातीय समूह (Sikh Community) का विकल्प नहीं दिए जाने को चुनौती देने वाली एक ब्रिटिश सिख समूह की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अखलाक चौधरी ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि हाल ही में तैयार जनगणना खाके में लोगों को सिख के तौर पर अपनी जातीय पहचान बताने से नहीं रोका जाएगा।
अदालत (Court) के फैसले में कहा गया है, ”जहां तक विकल्प की बात है, मैं याचिकाकर्ता (Petitionerके लिये, सिख जातीय समूह का विकल्प होने के महत्व को कम करके नहीं आंक रहा हूं। हाल ही में तैयार किए गए जनगणना खाके में किसी भी व्यक्ति को अपनी जातीय पहचान सिख के रूप में बताने से रोका नहीं जा सकता। ऑनलाइन संस्करण में लोगों के लिये यह विकल्प मौजूद रहेगा।”
अदालत ने कहा, ”सरकार के फैसले को चुनौती देना ठीक नहीं है। इसके चलते नीति-निर्माताओं का काम बीच में ही रोकना पड़ेगा।” ब्रिटेन के सिख फेडरेशन (Sikh Federation) नामक समूह ने यह याचिका दायर की थी।