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संयुक्त राष्ट्र: इस साल संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा की बैठक बहुपक्षवाद और सहयोग की अपील के साथ शुरू हुई। लेकिन यह द्विपक्षीय मुद्दों पर शिकायतों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच जाकर संपन्न हुई। बैठक की शुरूआत में अपने संबोधन में विश्व के नेताओं ने कोविड-19 (Covid-19) महामारी से निपटने के लिये साथ मिल कर काम करने के महत्व और इसके आगे की चुनौतियों पर जोर दिया।

जर्मन (Germany) विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने कहा कि कोविड-19 ने यह प्रदर्शित किया है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग न तो कोई विचारधारा है, ना ही अपने आप में कोई निष्कर्ष है। इसके उलट, यह वास्तविक महामारी से कहीं आगे बढ़ कर नतीजे देता है।

वहीं, महासभा के समापन सत्र के दौरान विभिन्न देशों ने ‘जवाब देने के अपने अधिकार’ का उपयोग करते हुए विभिन्न राष्ट्रों के बीच मौजूद समस्याओं का जिक्र किया। एक एक करके वे आगे आए – निचले स्तर के राजनयिकों को नेताओं के भाषणों का जवाब देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और बहस काफी बढ़ गई। आर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच इसी तरह की एक तीखी बहस के दौरान दोनों देशों के राजनयिक अलगाववादी एन्क्लेव नागोरनो-कारबाख को लेकर हालिया लड़ाई के लिये एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने लगे।

बांग्लादेश (Bangladesh) ने रोहिंग्या शरणार्थी संकट को लेकर म्यामां की आलोचना की, जहां से सात लाख रोहिंग्या मुस्लिम 2017 में सैन्य कार्रवाई के कारण इस पड़ोसी देश में पलायन कर गये और शिविरों में रह रहे हैं। इस मुद्दे पर म्यामां ने भी जवाब दिया। ईरान (Iran) ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के भाषणों को लेकर इस देश की आलोचना की।

दरअसल, नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान के पास कुछ ही महीने में दो और परमाणु बम (Nuclear Bomb) के लिये पर्याप्त संवर्द्धित यूरेनियम हो जाएगा। ईरान के एक राजनयिक ने इजराइल पर फलस्तीन के साथ द्विराष्ट्र के समाधान के लिये वार्ता पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों की अनदेखी करने का आरोप लगाया । उन्होंने यह भी कि इजराइल अपने व्यापक परमाणु कार्यक्रम के जरिये पश्चिम एशिया के लिये गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर रहा है।

वहीं, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) (UAE) ने ईरान के इस आरोप को खारिज कर दिया कि यूएई पश्चिम एशिया की सुरक्षा को अस्थिर कर रहा है। सभी नेताओं के भाषण पूर्व में रिकार्ड किये गये, जिनके ऑडियो डिजिटल बैठक में चलाये गये। बैठक में कोविड-19 महामारी के लिये जिम्मेदारी तय करने को लेकर भी गतिरोध देखने को मिला। इस मुद्दे पर रूस (Russia) ने चीन (China) का समर्थन किया।

लेकिन अमेरिका-चीन (America-China) टकराव व्यापार के मुद्दे तक विस्तारित हो गया। चीन के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने मंगलवार आधी रात से ठीक पहले एक बयान जारी कर सोमवार को ताईवान की मेजबानी वाले एक ऑनलाइन कार्यक्रम में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट की भागीदारी का विरोध किया। चीन ने कहा कि केली की टिप्पणी ने चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमतर किया है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस (Antonio Gutares) ने अपने उद्घाटन भाषण में विश्व की एक दयनीय तस्वीर पेश की थी, जिसमें स्वास्थ्य संकट, आर्थिक आपदा, मानवाधिकारों को खतरा और अमेरिका एवं चीन के बीच नये शीत युद्ध का जिक्र किया गया था।

उन्होंने महामारी से निपटने के लिये वैश्विक एकजुटता की अपील की थी। महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोजकरी ने छह दिवसीय बैठक मंगलवार रात इस बयान के साथ संपन्न करने की घोषणा की कि बहुलवाद एवं एकजुटता की ओर लौटा जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हम असीम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं लेकिन साथ मिल कर काम करने से हम इनसे निपट सकते हैं।”