US report 2021 Investment Climate Statements states, India still a 'challenging place' for business
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    अमेरिका: अमेरिका डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर (American Democratic Party MP Ilhan Omar) ने अपने भारत विरोधी तेवर जारी रखते हुए एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अमेरिका के विदेश मंत्री से धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत को विशेष रूप से चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की गई है। सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास द्वारा सह-प्रायोजित, प्रस्ताव में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी (merica) आयोग की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह किया गया है, जिसने लगातार तीन वर्षों तक भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की।

    प्रतिनिधि सभा में मंगलवार को पेश किया गया यह प्रस्ताव आवश्यक कार्रवाई के लिए सदन की विदेश मामलों की समिति के पास भेज दिया गया है। सांसद उमर के प्रतिशोधी रुख को देखते हुए, इस तरह के प्रस्ताव के पारित होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने भारत के मुद्दे पर पाकिस्तानी अधिकारियों का खुलकर साथ दिया है। भारत से जुड़ी कांग्रेस की कई सुनवाइयों में भी उमर ने लगातार भारत विरोधी रुख दिखाया है।

    उमर का प्रस्ताव भारत में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निंदा करता है, जिसमें मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘‘लक्षित” करना शामिल है। इसमें भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ‘‘खराब सलूक” पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। इससे पहले भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में उसकी आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी ‘‘वोट बैंक की राजनीति” की जा रही है।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत पर यह रिपोर्ट ‘‘ पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है।” इससे पहले, अमेरिकी सांसद इल्हान अब्दुल्ला उमर ने अप्रैल में पाकिस्तान की यात्रा की थी और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान सहित देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) भी गईं थी। इस यात्रा का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है।

    भारत ने उमर की पीओके यात्रा की निंदा करते हुए कहा था कि इस क्षेत्र की उनकी यात्रा ने देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और यह उनकी ‘‘संकीर्ण मानसिकता” वाली राजनीति को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘‘ अगर कोई अपने देश में ऐसी संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करता है, तो उससे हमें कोई मतलब नहीं है। किन्तु अगर कोई इस क्रम में हमारी क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन होता है, यह हमसे जुड़ा मामला बन जाता है। यह यात्रा निंदनीय है।(एजेंसी)