imam mahjoub mahjoubi
इमाम महजौब महजौबी (design photo)

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पेरिस: फ्रांस (France) ने ट्यूनीशियाई मुस्लिम धर्मगुरु (Tunisian Muslim Cleric) इमाम महजौब महजौबी (Imam Mahjoub Mahjoubi) को फ्रांसीसी झंडे (French Flags) पर ‘अस्वीकार्य’ टिप्पणी करने के लिए देश से निष्कासित कर दिया गया है। फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने गुरुवार को इसका एलान किया। 

फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा, “कट्टरपंथी इमाम महजौब महजौबी को उनकी गिरफ्तारी के 12 घंटे से भी कम समय में फ्रांस से निष्कासित कर दिया गया है। हम लोगों को कुछ भी करने और कहने की छूट नहीं देंगे।”

क्या है मामला? 

जानकारी के अनुसार, फ्रांस ने यह कार्रवाई महजौबी के सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट के बाद की, जिसमें उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रीय ध्वज को ‘शैतानी’ बताया था। हालांकि, इस मौलवी ने अपने बयानों का बचाव करते हुए कहा कि उनके पोस्ट का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा, “मेरा कभी भी फ्रांस के राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करने का इरादा नहीं था।”

कौन है ये मौलवी महजौबी? 

महजौबी बैगनॉल्स-सुर-सीज स्थित एटाउबा मस्जिद में इमाम थे। उन्होंने कहा कि वह अपने निष्कासन को अदालत में चुनौती देंगे। उनके वकील ने फ्रांस सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और निष्कासन प्रक्रिया को अदालत में चुनौती देने की घोषणा की।

imam mahjoub mahjoubi
इमाम महजौब महजौबी

फ्रांसीसी मीडिया ने महजौबी के निष्कासन आदेश के कुछ हिस्सों का खुलासा किया, जिसमें उन पर ‘पिछड़ी, असहिष्णु और हिंसक’ अवधारणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। रॉयटर्स ने रेडियो नेटवर्क फ्रांस इन्फो के हवाले से बताया कि मुस्लिम मौलवी को गुरुवार शाम को फ्लाइट में बिठाकर उनके देश ट्यूनीशिया भेज दिया गया।

ऐसा दिया था बयान 

एटाउबा मस्जिद में इमाम महजौब महजौबी द्वारा दिए गए उपदेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह फ्रांस के राष्ट्रीय ध्वज को ‘शैतानी झंडा’ बताते दिख रहे हैं। वीडियो में वे आगे कहते हैं, “अल्लाह के रास्ते के लिए ऐसे झंडों की कोई जगह नहीं है। अब हमारे पास ये सभी तिरंगे झंडे नहीं होंगे जो हमें परेशान करते हैं, जो हमें सिरदर्द देते हैं।” फ्रांस के राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग नीला, सफेद और लाल मौजूद हैं।

यह घटना फ्रांस में धर्मनिरपेक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच चल रहे बहस को और गहरा कर सकती है। फ्रांस में पहले भी कई विवादित घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध और ‘शार्ली हेब्दो’ पत्रिका द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करना शामिल है। यह देखना बाकी है कि महजौबी का निष्कासन फ्रांसीसी समाज में किस तरह की प्रतिक्रिया पैदा करता है। यह घटना देश में बढ़ते ध्रुवीकरण और आप्रवासन के प्रति नकारात्मक भावनाओं को भी उजागर करती है।