MODI-UNSC

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न्यूयॉर्क. एक बड़ी खबर के अनुसार ब्रिटेन ने भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के प्रतिनिधित्व को शामिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सीटों के विस्तार का आह्वान किया है। उसने फिर यह रेखांकित किया कि अब समय आ गया है कि शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र निकाय 2020 के दशक में प्रवेश करे। 

गौरतलब है कि, संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के स्थायी प्रतिनिधि और ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली की टिप्पणियां तब आईं जब भारत और कनाडा के मध्य इस समय विवाद अपने चरम पर है।

जयशंकर ने किया था ऐलान
जानकारी हो कि, इसी साल अप्रैल में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐलान किया कि, “भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का परमानेंट मेंबर बन जाएगा। पश्चिमी देश भारत के लिए अपने दरवाजे ज्यादा वक्त तक बंद नहीं रख सकते।”

वहीं अब इसके 4 महीने बाद जयशंकर की बात सच साबित होती दिख रही है। यह भी बताते चलें कि, PM मोदी ने UNSC के परमानेंट मेंबर्स को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। वैसे भी दुनिया के ज्यादातर देश भारत को UNSC की स्थायी कुर्सी पर देखना चाहते हैं।

सबसे बड़ा रोड़ा चीन
देखा जाए तो UNSC के 5 परमानेंट मेंबर हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनमें 4 देश तो भारत का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चीन यह बिल्कुल भी नहीं चाहता कि UN की सबसे ताकतवर बॉडी पर भारत की भी एंट्री हो। दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई भी प्रस्ताव पारित करने के लिए इसके सभी सभी 5 स्थायी देशों का समर्थन जरूरी है।

हालांकि भारत के लिए फ्रांस, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन अपनी सहमति जता चुके हैं, लेकिन चीन हमेशा अपने अलग-अलग बहानों से भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। लेकिन यह भी विडंबना ही है कि, भारत ने UNSC में कभी चीन के परमानेंट मेंबर बनने का समर्थन किया था।