‘देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर जोर’, नवाज शरीफ की पार्टी PML-N ने घोषणापत्र किया जारी

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लाहौर: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Econony) को पटरी पर लाने पर ध्यान, भारत को शांति का संदेश देने, जलवायु परिवर्तन से निपटने का संकल्प और आतंकवाद के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी द्वारा शनिवार को जारी घोषणापत्र की मुख्य बातें हैं। 

‘डॉन डॉट कॉम’ ने घोषणापत्र के हवाले से बताया कि ऐसे में जब आठ फरवरी को देश में आम चुनावों होने हैं जिसमें दो हफ्ते से भी कम समय बचा है, शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के घोषणापत्र में भारत सहित अन्य देशों को “शांति का संदेश” भेजने का वादा किया गया है। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि भारत को “शांति का संदेश” इस शर्त पर भेजा जाएगा कि नयी दिल्ली कश्मीर को लेकर अगस्त 2019 का अपना कदम वापस ले।

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू कश्मीर देश का अविभाज्य और अभिन्न अंग है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले दोहराया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को 2019 में भारत की संसद द्वारा निरस्त किया जाना पूरी तरह से भारत के साथ-साथ इसके संविधान का मामला है। घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और आतंकवाद के प्रति “बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति” का भी वादा किया गया है।

पीएमएल-एन के अन्य एजेंडे में “सुरक्षित जल भविष्य” और “निर्यात के माध्यम से अर्थव्यवस्था में जान फूंकना” शामिल है। यहां पंजाब की प्रांतीय राजधानी में एक विशेष कार्यक्रम में जारी पीएमएल-एन ने बाद में अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर ‘पाकिस्तान को नवाज दो’ शीर्षक से विस्तृत घोषणापत्र साझा किया।

डॉन अखबार ने बताया, “सत्ता में आने पर पार्टी ने जनता को सस्ती बिजली और बिजली की अधिक आपूर्ति के साथ-साथ तेज विकास की संकल्प जताया है। इसके वादों में बिजली बिलों में 20 से 30 प्रतिशत की कमी, बिजली उत्पादन में 15,000 मेगावाट की वृद्धि और सौर ऊर्जा का 10,000 मेगावाट उत्पादन शामिल है। ” पार्टी ने संसद, प्रांतीय और स्थानीय सरकारों के माध्यम से राष्ट्रीय राजनीति में युवाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है और यह भी कहा है, इसका उद्देश्य छात्र संघों को बहाल करना, राष्ट्रीय युवा योजना का विस्तार करना, सूचना प्रौद्योगिकी स्टार्ट अप के लिए धन आवंटित करना और युवा उद्यमशीलता को बढ़ाना है।

इसमें युवा कौशल विकास के साथ-साथ पाकिस्तान का पहला खेल विश्वविद्यालय और 250 स्टेडियम और अकादमियां स्थापित करने का भी वादा किया गया। इस घोषणापत्र में संवैधानिक, कानूनी, न्यायिक और प्रशासनिक सुधार लाने की योजना; अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा का मुकाबला करना; कृषि को आधुनिक बनाने और महिलाओं को स्वतंत्र बनाने के अलावा उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक नयी श्रम नीति लाने का भी उल्लेख किया गया है। अन्य वादों में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को समाप्त करना और प्रक्रियात्मक कानूनों को मानकीकृत करने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1898 में व्यापक संशोधन लाना शामिल है।

‘द न्यूज इंटरनेशनल’ अखबार के मुताबिक, घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। शरीफ ने इसे “अजीब संयोग” बताया कि 2017 में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाये जाने और पीएमएल-एन के खिलाफ “राजनीतिक प्रतिशोध” के बावजूद, उनकी पार्टी के सदस्य एक बार फिर “चुनाव लड़ने और अपना घोषणापत्र पेश करने की तैयारी में हैं।”

तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनका न तो “अपनी शिकायतें व्यक्त करने” का इरादा है और न ही “आज शिकायत करने के मूड में हैं।” वर्ष 2018 के चुनावों के बाद सरकार बनाने वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की आलोचना करते हुए शरीफ ने कहा कि खान के शासन ने मुद्रास्फीति और बिजली कटौती के माध्यम से गरीब लोगों की कमर तोड़ दी। शरीफ ने दावा किया कि उनके शासनकाल में कभी बिजली कटौती नहीं की गयी। शरीफ ने पीएमएल-एन के पिछले कार्यकाल को याद करते हुए यह भी कहा कि उस समय “कोई मुद्रास्फीति नहीं” थी। 

(एजेंसी)