वाशिंगटन: ट्विटर (Twitter) उपयोगकर्ताओं को अब गलत एवं भ्रामक ट्वीट पर चेतावनी वाला ‘लेबल’ (Label) नजर आएगा। सोशल मीडिया (Social Media) मंच को अधिक प्रभावी तथा कम भ्रामक बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस चेतावनी ‘लेबल’ पर कम्पनी जुलाई से काम कर रही थी। 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections) से पहले और बाद में चुनाव संबंधी गलत सूचना देने वाले ‘लेबल’ को अद्यतन कर उन्हें बनाया गया है। लोगों को झूठ फैलाने से रोकने के लिए पर्याप्त ना होने को लेकर उन ‘लेबल’ की आलोचना की गई थी।
इन नए चेतावनी ‘लेबल’ को मंगलवार को दुनियाभर में जारी किया गया, जिसका लक्ष्य गलत जानकारियों की आसान पहचान सुनिश्चित करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ‘लेबल’ उपयोगकर्ताओं के लिए मददगार हो सकते हैं, साथ ही वे सोशल मीडिया मंच को ‘कंटेंट मॉडरेशन’ के अधिक कठिन काम को आसान कर देंगे..यानी यह तय करना कि साजिश और झूठ फैलाने वाले पोस्ट, फोटो और वीडियो को हटाया जाए या नहीं।
ट्विटर केवल तीन प्रकार की गलत जानकारियों पर ‘लेबल’ अंकित करता है, ‘‘तथ्य तोड़-मोड़कर पेश करने वाली पोस्ट”, जैसे किसी वीडियो तथा ऑडियो के साथ जानबूझकर ऐसे छेड़छाड़ की जाए कि वे वास्तविक दुनिया के लिए नुकसानदायक हो, चुनाव या मतदान संबंधी गलत जानकारी और कोविड-19 से जुड़ी गलत एवं भ्रामक जानकारियां। अद्यतन डिजाइन में ‘ऑरेंज लेबल’ और ‘रेड लेबल’ को शामिल किया गया है, ताकि वे पहले वाले ‘लेबल’ से अधिक कारगर साबित हों।
पहले ‘लेबल’ का रंग नीला था, जो ट्विटर के रंग से मेल खाता है। ट्विटर ने कहा कि प्रयोगों में सामने आया कि यदि रंग एकदम से आंखों को आकर्षित करने वाला हो, तो यह लोगों को वास्तविक ट्वीट की पहचान करा सकता है। कम्पनी ने कहा कि इन ‘लेबल’ पर क्लिक कर जानकारी पड़ने की दर में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, यानी अधिक लोगों ने नए ‘लेबल’ का इस्तेमाल कर गलत एवं भ्रामक ट्वीट के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
कम्पनी के अनुसार, भ्रामक ट्वीट पर ‘ऑरेंज लेबल’ और गंभीर रूप से गलत जानकारी देने वाले ट्वीट, जैसे कि टीके लगाने से ‘ऑटिज्म’ होने का दावा करने जैसी जानिकारियां देने वाले ट्वीट पर ‘रेड लेबल’ अंकित किया जाएगा। ‘रेड लेबल’ वाले ट्वीट का जवाब देना, या उसे ‘लाइक एवं रिट्वीट’ करना संभव नहीं होगा। (एजेंसी)