नई दिल्ली: देश में गंभीर आर्थिक संकट और आपातकाल के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी एक श्रीलंकन मीडिया द्वारा मिली है। श्रीलंका के डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को एक विशेष बैठक में प्रधानमंत्री से देश में चल रहे राजनीतिक संकट के समाधान के रूप में पद छोड़ने का अनुरोध किया था। जिसके बाद उनके मांग के आगे झुकते हुए राजपक्षे ने यह कदम उठाया है।
इससे पहले श्रीलंका के पीएम प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को कहा था कि, वह जनता के लिए ‘‘कोई भी बलिदान” देने को तैयार हैं। उनके इस कथन से इन अटकलों को बल मिल गया था कि वह इस्तीफा दे सकते है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया: स्थानीय समाचार मीडिया#SriLanka pic.twitter.com/XY96ulVbgf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2022
मिली जानकारी के अनुसार, पीएम के इस्तीफे के बीच उनके (महिंदा राजपक्षे) समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। इस हमले में कम से कम 78 लोग घायल हो गए। श्रीलंकाई अधिकारियों ने सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया। कम से कम दो कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे की घोषणा की है।
1948 के बाद सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा श्रीलंका
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।