- 104 गाव, 11 पशुवैद्यकीय चिकित्सालय के लिए 4 पशुवैद्यकीय अधिकारी
- जनप्रतिनिधि की अनदेखी
मुकूटबन. झरी जामणी तहसील में 104 गाव है. 5 प्रथम श्रेणी पशु वैद्यकीय चिकित्सालय, 5 द्वितीय श्रेणी चिकित्सालय और एक मोबाईल पशुवैद्यकीय चिकित्सालय ऐसे कुल 11 पशुवैद्यकीय चिकित्सालय है. इसमें पशुवैद्यकीय अधिकारी और कर्मचारीयों की कमी होने से 3 प्रथम श्रेणी पशुवैद्यकीय चिकित्सालय का प्रभार एक पशुवैद्यकीय अधिकारी को सौपा गया है. अन्य 8 प्रथम और द्वितीय श्रेणी पशुवैद्यकीय चिकित्सालय का प्रभार चार पशुवैद्यकीय अधिकारी की ओर है. यहा तहसील तालुका पशुवैद्यकीय अधिकारी पद भी रिक्त है. जिससे सुविधाओं का अभाव, पशु चिकित्सलय की दुरावस्था हुई है. कई जगह दवाईयों की कमी है. लेकिन इस ओर जनाप्रतिधियों की अनदेखी हो रही है.
पशुवैद्यकीय चिकित्सालय अपडेट करें
मुकूटबन, पवनार, पाटण, कमलवेल्ली, झरी, मोबाईल टिम श्रेणी-1 तथा गवारा, माथार्जुन, शिबला, जुनोनी और अडेगाव श्रेणी-2 इन 11 जगह पशुधन विकास अधिकारी की जगह, परिचर एवं पट्टीबंधक पद कई माह से रिक्त है. इन पशु वैद्यकीय चिकित्सालय में कारोबार परिचर के भरोसे पर शुरू है. गवारा, माथार्जुन, शिबला, जुनोनी और अडेगाव इन 5 जगह श्रेणी-2 के पशु वैद्यकीय अस्पताल है. यहा केवल बिल्डींग निर्माण हुई लेकिन अत्याधुनिक सुविधा नही. पशुसंवर्धन विभाग ने वैद्यकीय अधिकारी के नियुक्ती समेत पशुवैद्यकीय चिकित्सालय अपडेट करना जरूरी है.
प्रभार पर है चिकित्सालय
मुकूटबन के अस्पताल में हर माह में एक से डेढ हजार पशुओं की जांच होती है. मुकूटबन के पशुवैद्यकीय अधिकारी बालाजी जाधव की ओर पवनार के प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय एवं मोबाईल पशुवैद्यकीय चिकित्सालय ऐसा कुल तीन चिकित्सालय का पदभार है. श्याम चव्हाण का तबादला तीन माह पहले हुआ. अबतक उन्हे यहा से रिलिव नही किया गया. उनकी ओर पाटण, कमलवेल्ली, झरी के प्रथम श्रेणी तीन पशु वैद्यकीय चिकित्सालय का प्रभार है. जांभुले की इस ओर 2 द्वितीय श्रेणी चिकित्सालय, राजगडकर की ओर 2 द्वितीय श्रेणी चिकित्सालय, मंगेश झाडे की ओर एक द्वितीय श्रेणी चिकित्सालय का पदभार है.
पशु संगोपन की जरूरत
पशु संगोपन यह आज की जरूरत बनी है. खेती पुरक व्यवसाय के रूप में प्रमुखता से पशु संवर्धन को महत्व दिया जाता है. इसके लिए सरकार ने पशु पालकों के लिए लाखो रूपए खर्च कर निर्माण किए पशु चिकित्सालय का लाभ नही हो रहा है. सरकार की पशुसंवर्धन के लिए कई योजना है लेकिन इस पर उचित अंमल यहा नही हो रहा है.