परेशानी: पानी की शुद्धता पर संदेह, 500 परीवारों के स्वास्थ्य को खतरा

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    • शहर की नल योजना रामभरोसे

    मारेगांव. नवरगांव केंद्रीय परियोजना में नल योजना से शहर के 8 वार्डों में जलापूर्ति की जाती है, किंतु जब से जीवन प्राधिकरण ने पाइप-लाइन योजना नगर पंचायत को नहीं सौंपी है. सवाल खड़ा हो गया है कि पानी के शुद्धिकरण का जिम्मेदार कौन है. मारेगांव शहर में पानी की भीषण किल्लत को देखते हुए तत्कालीन विधायक विश्वास नांदेकर के प्रयासों से जीवन प्राधिकरण की ओर से नवरगांव केंद्रीय परियोजना से शहर में पानी की आपूर्ति के लिए एक नल योजना को मंजूरी दी गई थी. शहर को स्वच्छ और दैनिक पानी मिलेगा.

    निधि के अभाव में अटका पानी टंकी का कार्य

    जीवन प्राधिकरण ने निर्माण शुरू किया. 3.50 लाख लीटर पानी के नल परियोजना के 70 प्रतिशत पूरा होने के बाद टैंक के निर्माण के लिए अपर्याप्त निधि के कारण टैंक का निर्माण रुका हुआ था. टैंक के निर्माण में कई वर्षों की देरी हुई. नतीजा यह रहा कि शहर में जलापूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन फेल हो गई. 

    17 में 8 वार्डों में नलों से जलापूर्ति शुरू

    प्राधिकरण ने शहर के 17 में से 8 वार्डों में नल योजना से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी है वर्तमान में शहर के करीब 500 परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति की जा रही है. नल योजना का कार्य नगर पंचायत को नहीं सौंपा गया. जलापूर्ति नगर पंचायत की निगरानी में है. जल शुद्दीकरण को लेकर और मरम्मत को लेकर दोनों विभाग एक दूसरे को उंगली दिखा रहे हैं.

    अशुद्ध जल की हो रही आपूर्ति 

    पाइप लाइन योजना अभी भी जीवन प्राधिकरण के कब्जे में है, फिर भी पाइप लाइन योजना में किसी भी प्रकार की खराबी की स्थिति में नगर पंचायत मामूली मरम्मत करती है. पाइप लाइन योजना पिछले 4 साल से चल रही है, लेकिन जल शोधन की उपेक्षा की जा रही है. नागरिकों का कहना है कि इस नल योजना से आने वाला पानी अशुद्ध है. नगर पंचायत प्रशासन से जब इस बारे में पूछा जाता है तो कहा जाता है की काम बाकी होने से पाइप- लाइन योजना नगर पंचायत को सौंपी जानी है. पिछले 4 वर्षों से उसी ही अवस्था में जलापूर्ति शुरू रहने से नल योजना का जल कीतना शुद्ध है, इसको लेकर शहर के नागरिक चिंता व्यक्त की जा रही है.