यवतमाल. आर्थिक रूप से कमजोर कोई भी जाति के समुदाय के लोग पक्के मकान से वंचित न रह पाये, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है. इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों से 16 हजार आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय को मिले है. भूमि अभिलेख कार्यालय ने बताया कि लोहारा और पिंपलगांव क्षेत्रों में गणना कार्य में तेजी लाई गई है.
प्रधानमंत्री आवास योजना कोरोना संकट से प्रभावित थी. सर्वेक्षण में काफी देरी के बाद भी आवेदक चिंतित थे कि उन्हें घर नहीं मिलेगा. प्रधानमंत्री आवाय योजना कार्यालय के अनुसार लाभार्थियों को अक्टूबर में स्थायी घर मिलेगा. 4 चरणों में लाभ मिलेगा.
2,662 में से 334 आवेदनों को मंजूरी
जिसने कर्ज लेकर घर का निर्माण किया उसे क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) से उन्हें 2 लाख 61 हजार रुपये का लाभ मिलता है. बीएलसी के माध्यम से उन लोगों के लिए आवास प्रदान किया जाता है, जिनके पास स्वयं की जमीन है. इसमे 2662 मे से 334 आवेदन को मंजूरी मिली है. जरूरतमंदों को एफिडेविट हाउसिंग पार्टनरशिप के तहत फ्लैट भी मिलेंगे (एएचपी) फ्लैट दिए जाएंगे.
बड़े वडगांव क्षेत्र में 2 और नागपुर रोड पर 1 मिलाकर 3 जगह पर निर्माण कुल 3 भूखंडों पर फ्लट इमारत का निर्माण किया जाएगा. योजना के तहत 3356 आवेदन स्वीकृत किए गए है. उन्हें लॉटरी द्वारा लाभ मिलेगा. जिनके पास अपना स्थान या भूखंड है, उन्हें बीएलसी की आवश्यकता है. कुल 2667 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं.
इन सभी घटकों से लाभान्वित होने वार्षिक आय 3 लाख रुपये के भीतर होनी चाहिए. 2017 में नगर पालिका ने शहर के सभी क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और जरूरतमंदों की जानकारी एकत्र की गई थी. जिसका सर्वे नहीं हुआ. योजना कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. शहर को ध्यान में रखते हुए सीमा बढ़ाने के बाद कई परिवार अतिक्रमित क्षेत्र से स्थलांतरित हो गए थे. उन्हें पक्के घरों की सख्त जरूरत है.
शहर में किया गया सर्वेक्षण
कई लोगों को योजना मंजूरी हुई थी. 2017 में शहर के सभी हिस्सों का सर्वेक्षण किया गया था, किंतु जिनके सर्वेक्षण में किसी कारण से देरी हुई थी, वह नगर पालिका के प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. वेबसाइट पर जाकर आपकी शंकाओं का समाधान कर सकते हैं
-प्रितम देशमुख, प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय, नपा