झुठे आरोप को हवा देकर हो रहा राजकारण – विधायक आ. प्रा अशोक उईके का पलटवार

  • धागामिल जमिन खरीदी मामले में पुरके को गलत जानकारी
  • कोवे को नही पहचानते

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यवतमाल. बिरसा मुंडा आदिवासी धागामिल यह रालेगांव चुनाव क्षेत्र की महत्वाकांक्षी प्रकल्प है. इस धागामिल के लिए पुर्व वसंत पुरके को गलत जानकारी देने से झुठे आरोप को वे बढावा देकर राजकारण कर रहे ऐसा पलटवार पुर्व मंत्री तथा रालेगाव के विधायक डा. प्रा. अशोक उईके ने किया है. उईके ने अपना अपहरण करने की शिकायत एक किसान द्वारा की गई. जिससे रालेगांव में रालेगाव में  राजकीय आरोप प्रत्यारोप विविध माध्यम से शुरू होने से प्रा. अशोक उईके की बात ने कही.  रालेगाव चुनाव क्षेत्र में धागामिल होने के बाद होने के बाद कपास उत्पादक पट्टे में कपास पर प्रक्रिया उद्योग ओर बेरोजगारों के हात को काम यह दोहरा उद्देश इसमें था. इसमें कोई राजकारण ना करें, पुरके सर के बारे में मुझे आदर है. लेकिन इस मामले उन्हे गलत जानकारी दी गई होगी.

धागामिल के लिए यह जमीन देशमुख द्वारा खरीदी की गई है. इसकीराशि सरकार  ने अदा की है. हय प्रक्रिया नियमों के खिलाफ कैसी हो सकती है. मेरी शिकायत करनेवाले वठ्ठिल कोवे को मै पहचानता नही, मैने  बॉडीगार्ड द्वारा बंदुक की नोक पर अपहरण करने का प्रयास करने की शिकायत उन्होने की है. 2 अप्रैल से मेरे पास बॉडीगार्ड नही. बंदूक होने का सवाल ही नही. जिस दिन यह घटना घटने की बात वे कह रहे तब मै बाभुलगांव में नुकसानग्रस्त खेतों में था, ऐसा भी उइके ने बताया.  आदिवासीयों के भोलेपन का लाभ यह नेता राजकारण के लिए ले रहे, यह उचित नही है् कोरोना लॉकडाउन में यह लोग कही भी सहायता करते नही दिखाई दिए. लेकिन झुठे आरोप का राजकारण कौन कर रहा इससे स्पष्ट होने की बात विधायक अशोक उईके द्वारा कही गई. 

क्या है यह मामला?
रालेगाव के  भाजप विधायक प्राचार्य डा.अशोक उईके के विरोध में  वठ्ठिल नामदेव कोवे, निवासी देवधरी तहसील रालेगाव इस किसान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. एक वर्ष पहले तत्कालीन भाजप सरकार में  आदिवासी विकास मंत्री होते हुए विधायक उईके ने देवधरी में धागामिल का भूमिपूजन किया था. इस मिल के लिए उन्होने एक किसान द्वारा खेती खरीदी थी. लेकिन इस खेती पर अपना हक बताकर झुठे दस्ताऐवज द्वारा यह खरीदी होने की शिकायत कोवे ने की है. धागामिल के जमीन के विवाद का यह मसला है.