लॉस एंजिलिस: एक नए अध्ययन (Study) के अनुसार कोविड-19 (Covid-19) से जूझ रहे गंभीर मरीजों के ठीक होने में ‘टी-सेल’ (T-cell) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। अध्ययन में कहा गया है कि टी-सेल की कम मात्रा और कमजोर प्रतिरोधी क्षमता से मरीज की स्थिति और खराब होने की आशंका रहती है।
जर्नल ‘सेल’ में प्रकाशित अध्ययन में पुष्टि की गयी है कि संक्रमण के गंभीर स्तर को नियंत्रित करने और कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर को घटाने के लिए प्रतिरोधी क्षमता जरूरी है। अमेरिका (America) में ‘ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्युनोलाजी’ (La Jolla Institute for Immunology) के अग्रणी शोध लेखक शेन क्रोटे ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोविड-19 के बुजुर्ग मरीजों को संक्रमण से क्यों ज्यादा खतरा है।”
क्रोटे ने कहा, ‘‘उम्र बढ़ने पर खास वायरस के खिलाफ टी-सेल का भंडार घटने लगता है और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता से तालमेल नहीं बन पाता। बुजुर्ग लोगों के लिए कोविड-19 का संक्रमण घातक होने के पीछे यह भी एक महत्वपूर्ण वजह है।”
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के 50 मरीजों के खून के नमूने एकत्र किए और एंटीबॉडी, टी-सेल आदि के संबंध में विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्णतया ठीक हो चुके मरीजों में कोविड-19 को मात देने के लिए एंटीबॉडी और उपयोगी टी-सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि, गंभीर रूप से बीमार संक्रमितों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी नहीं बन पायी और मददगार टी-सेल का भी साथ नहीं मिला। (एजेंसी)