भंडारा (का). हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को स्थगित कर दिया है. एवं कई नेता एवं संगठन कह रहे हैं कि मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए. हालांकि यह गलत है.
अब तक ओबीसी का 19 प्रश. आरक्षण महाराष्ट्र के कई जिलों में नहीं मिला है. इसमें चंद्रपुर 11 प्रश., यवतमाल 14 प्रश., धुले, नंदूरबार, नाशिक, रायगड, पालघर 9 प्रश. एवं गडचिरोली 6 प्रश. ऐसे प्रकार से ओबीसी के आरक्षण में विसंगती दिखाई देती है.
इस विसंगति को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए तथा मराठा आरक्षण को राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ का विरोध नहीं हालांकि मराठा समाज का ओबीसी संवर्ग में शामिल नहीं करना चाहिए. तथा केंद्र सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार ने जातनिहाय जनगणना किया जाए ऐसा निवेदन नागपुर जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्री को सौंपा गया.
इस अवसर पर राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. बबनराव तायवाडे, प्राध्या. शरद वानखेडे, शकील पटेल, सुषमा भड, एड. रेखा बारहाते, उदय देशमुख, सुधाकर तायवाडे, सुरेश वर्षे, चंद्रकांत हिंगे, सुनिता येरणे आदि उपस्थित थे.