नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी रहनेवाला है। आज दिल्ली के विज्ञान भवन में 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच बैठक हुई। यह बैठक करीब 4 घंटे तक चली। हालांकि ये बैठक बेनतीजा रही। अब 3 दिसंबर को एक बार फिर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “बैठक अच्छी रही और हमने फैसला किया है कि बातचीत 3 दिसंबर को होगी। हम चाहते है कि एक छोटी कमेटी गठित की जाए लेकिन किसान नेता चाहते थे कि बातचीत सभी के साथ हो, हमें इससे कोई समस्या नहीं है।”
आगे तोमर ने कहा, “हम किसानों से अपील करते हैं कि वे विरोध प्रदर्शनों को स्थगित करें और बातचीत के लिए आएं। हालांकि, यह निर्णय किसानों की संगठनों और किसानों पर निर्भर करता है।”
आज की बैठक में शामिल किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य, चंदा सिंह ने कहा, “कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम निश्चित रूप से सरकार से कुछ वापस लेंगे, शांतिपूर्ण समाधान होगा। हम उनके साथ अधिक चर्चा के लिए वापस आएंगे।”
वही कृषि मंत्री के साथ बैठक करने के बाद अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा, “आज की बैठक अच्छी थी और कुछ प्रगति हुई है। सरकार के साथ 3 दिसंबर को हमारी अगली बैठक के दौरान, हम उन्हें समझाएंगे कि कृषि कानून का कोई भी किसान समर्थक नहीं है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश (पंजाब सांसद) ने भाग लिया।
सभा स्थल के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बैठक से कुछ घंटे पहले, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, तोमर और गोयल तथा भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा के बीच केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर वृहद चर्चा हुई। शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा।