नेहा (Neha Singh) बीएचयू की पहली छात्रा हैं, जिसका नाम गिनीज बुक में शामिल हुआ है।
बलिया (उप्र). बलिया (Ballia) जिले के रसड़ा तहसील के डेहरी गांव में रहने वाली नेहा सिंह (Neha Singh) ने इतिहास रचा है। नेहा ने खनिज रंगों से ‘श्रीमद भगवदगीता’ पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Records) में अपना नाम शामिल किया है। बता दें कि, इससे पहले आंध्र प्रदेश की श्रेया तातिनेनी के नाम यह रिकॉर्ड था। नेहा (Neha Singh) बीएचयू की पहली छात्रा हैं, जिसका नाम गिनीज बुक में शामिल हुआ है।
नेहा(Neha Singh) ने बताया कि, उसने घर पर ही खनिज रंगों को तैयार किया। इसके बाद पेंटिंग बनाई। इस पेंटिंग का आकार 62.72 स्क्वॉयर मीटर यानि 675.36 स्क्वॉयरफीट है। नेहा (Neha Singh) ने जुलाई महीने में ही पेंटिंग बनाकर गिनीज बुक के नियमों के अनुसार तैयारी करके ऑनलाइन सारे डाक्यूमेंट्स जमा कर दिए थे। लेकिन, कोरोना वायरस के चलते मुख्यालय से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया। नेहा (Neha Singh) ने बताया कि, करीब 8 पेंटिंग्स के बाद भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग तैयार हुई, जिसे गिनीज बुक के लिए चुना गया।
नेहा (Neha Singh) ने आगे बताया कि, इस पेंटिंग में ‘श्रीमद भगवदगीता’ के18 अध्यायों को पेड़ की 18 शाखाओं में और एक-एक शाखाओं में एक से 18 पत्तों का चित्रण करके ऊपर कमल एवं ‘ॐ’ से मोक्ष प्राप्ति की एक सुंदर पेंटिंग बनाई है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा रहीं नेहा सिंह ने गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराकर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। नेहा ने खनिज रंगों से सबसे बड़ी पेंटिंग बनाई है, जिसे @GWR में शामिल किया गया है। @VCofficeBHU pic.twitter.com/4JGsxr5YfS
— BHU Official (@bhupro) December 20, 2020
रविवार को एक समारोह में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप ने नेहा सिंह को सर्टिफ़िकेट देकर उनका मान बढ़ाया। श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि नेहा सिंह ने विश्व की सबसे बड़ी 67 वर्ग मीटर की पेंटिंग तैयार की है। उसने खनिज रंगों से यह सुंदर पेंटिंग बनाई है। उन्होंने बताया कि नेहा सिंह ने श्रीमद् भगवदगीता पर ‘मोक्ष का पेड़’ पेंटिंग तैयार की है, जिसकी वजह से नेहा का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
बलिया की रहने वाली नेहा सिंह ने खनिज रंगों से ‘भगवद्गीता’ पर आधारित “मोक्ष का पेड़” नामक चित्र बनाया है। इस पेंटिंग का 62.72 स्कॉयर मीटर बड़ी है। https://t.co/HEjXuxsiBO
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उन्होंने जानकारी दी कि, नेहा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान में अध्ययनरत हैं। जिलाधिकारी ने नेहा के गांव में आयोजित एक समारोह में उसे सम्मानित किया तथा उसकी बेहतरीन कलाकृतियों को देखकर उसकी तारीफ़ की।
बता दें कि, इससे पहले नेहा 16 लाख मोतियों से भारत का नक्शा और उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा भी लिख चुकी हैं। वहीं, नेहा के नाम दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एलबम बनाकर इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।