नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने केंद्र सरकार (Central Government) पर बड़ा आरोप लगाया है। रविवार को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल (Darshan Pal) ने कहा, “एनआईए (NIA) ने उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करना शुरू कर दिया है जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं या जिन्होंने इसका समर्थन किया है। सभी किसान संघ इसकी निंदा करते हैं। हम इसे हरसंभव तरीके से लड़ेंगे।”
NIA has started to register cases against those who are a part of the farmers’ movement or those who have lent their support to it. All farmers’ unions condemn this. We will fight this in every possible way: Krantikari Kisan Union chief Darshan Pal pic.twitter.com/fU4GAbrvae
— ANI (@ANI) January 17, 2021
ज्ञात हो कि, नॅशनल इंवेस्टीगेशंस एजेंसी ने खालिस्तान मूवमेंट को देश में मजबूत करने के लिए सिख फॉर जस्टिस से फंडिंग लेने के आरोप पर किसान नेता बलवीर सिंह सिरसा समेत कई लोगों को समन भेजा है। समन भेजे नेताओं में बलविंदर पाल सिंह, परमजीत सिंह, जसवीर सिंह,करनैल सिंह, सुरिंदर सिंह, इंद्रपाल सिंह न्यायाधीश, नोबेलजीत सिंह, पलविंदर सिंह, अरदीप सिंह और रणजीत सिंह शामिल है। इन सभी को रविवार 17 जनवरी को पेश होना था, लेकिन इन में से कोई भी एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ।
आउटर रिंगरोड पर होगी परेड
पूर्व आप नेता और स्वराज इंडिया प्रमुख योगेन्द्र यादव ने कहा, “किसान गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ ट्रैक्टर परेड करेंगे। आधिकारिक गणतंत्र दिवस समारोह में कोई व्यवधान नहीं होगा।” उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि दिल्ली और हरियाणा का पुलिस प्रशासन किसानों की ट्रैक्टर रैली परेड में कोई बाधा नहीं डालेगा। चाहे ट्रैक्टर हो या गाड़ी, हर वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज होगा या फिर किसी किसान संगठन का झंडा होगा।”
एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें
इसके पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा,”सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है। हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें।”
किसान आपनी मांग पर अड़े
तोमर ने कहा, “भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की, हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं। सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है।”
उन्होंने आगे कहा, “किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए। भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं।”