नासिक : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में माता-पिता दोनों को अनाथ बच्चों (Orphaned Children) की समस्याएं अभी-भी बरकरार हैं। कोरोना काल में माता-पिता (Parents) दोनों को खोने वाले बच्चों को दत्तक लेकर नासिक जिले के राजस्व अधिकारियों ने अनोखा कार्य किया था, लेकिन इसमें जिले में पिछले एक वर्ष से कोरोना महामारी के कारण निराश्रित हुए लोगों का राशन कार्ड सुधार का कार्यक्रम ठप्प पड़ा है। राशन कार्ड न बनने के कारण कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जिले में कोरोना से अब तक साढ़े आठ हजार से ज्यादा मौत हो चुकी है, उसमें जिले के 40 परिवारों के 56 बच्चों ने माता-पिता यानी माता-पिता दोनों को खोया है। सबसे ज्यादा 23 बच्चे नासिक तहसील के हैं। हर तहसील में यह स्थिति सामने आने के बाद तत्कालीन जिला अधिकारी सूरज मांढरे की पहल पर जिले के 40 राजस्व अधिकारियों ने 56 बच्चों को गोद लिया और उनकी जिम्मेदारी स्वीकार की।
बेसहारा बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा से लेकर सरकारी योजनाओं के मार्गदर्शन तक की जिम्मेदारी अधिकारियों ने सरकारी सुविधाकर्ता के रूप में ले ली। नासिक के राजस्व अधिकारियों की इस पहल की राज्य भर में व्यापक चर्चा हुई, सिर्फ कागजी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि कई अधिकारियों ने बच्चों के साथ संबंध बनाने के लिए दौरा भी किया। दौरे के वक्त बच्चों का मार्गदर्शन करना। समय के साथ जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने 12 हजार, 951 से अधिक वारिसों को सरकारी सहायता दिलाकर कोरोना से मरने वालों के वारिसों को 50 हजार की सहायता राशि दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
कई लोगों के पास राशन कार्ड जैसे कई मुद्दे पड़े रहते हैं
कोरोना से कमाऊ व्यक्ति की मौत के बाद बेसहारा हो गए वृद्धजनों और महिलाओं को बेसहारा पेंशन योजना के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है। डेढ़ वर्ष से निराश्रितों के पेंशन के आवेदनों का तहसील तंत्र की ओर से निस्तारण नहीं किया गया है। कई लोगों के पास राशन कार्ड जैसे कई मुद्दे पड़े रहते हैं। कोरोना के कारण निराश्रित लोगों की प्रस्ताव फाइलें आगे नहीं बढ़ रही हैं। डेढ़ से दो वर्ष तक आपूर्ति विभाग ने मुफ्त अनाज दिया, लेकिन इसके लिए तहसील कार्यालयों की स्वीकृति आवश्यक है। कई लोगों के राशन कार्ड में सुधार के लिए आपूर्ति अनाज वितरण अधिकारी को दिए गए आवेदन दो साल से लंबित पड़े हैं। कई लोगों ने शिकायत की कि नाशिक रोड स्थित अनाज वितरण कार्यालय काम नहीं कर रहा है। राशन कार्ड का पुनरीक्षण ठप होने से ही जरूरतमंद खाद्यान्न से वंचित हैं। विभाग के कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी है। नासिक शहर में राशन कार्ड सुधार के ऑनलाइन प्रस्तावों की संख्या करीब तीन हजार है।