Ambazari Lake
अंबाझरी तालाब

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नागपुर: मनपा के इतिहास में संभवत: पहली बार 1 जनवरी से भले ही नदी सफाई का अभियान (River cleaning campaign ) शुरू किया हो, लेकिन अब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) की प्रक्रिया में पूरा प्रशासन जुट जाने के कारण इसका असर नदी सफाई अभियान में पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है. भले ही महानगरपालिका नदी सफाई चलने का दावा कर रही हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि कुछ हिस्सों में केवल जेसीबी और पोकलेन मशीन लगाकर इसका दिखावा भर हो रहा है. जबकि जमीनी स्तर पर सफाई अभियान के 12 बजे हुए हैं. जानकारी के अनुसार मनपा आयुक्त की ओर से नदी सफाई की पूरी जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर पर सौंपी गई है. मुख्य अभियंता भले ही जिम्मेदारी निभाने में तत्पर हो लेकिन सफाई अभियान के लिए आवश्यक कर्मचारी ही नहीं होने के कारण पूरा अभियान फिलहाल ठंडे बस्ते में होने की जानकारी सूत्रों ने दी. उल्लेखनीय है कि हर वर्ष बारिश के पूर्व नदी सफाई अभियान होता रहा है. इस वर्ष के अभियान में 17.75 किलोमीटर लंबी नाग नदी, 17 किलोमीटर लंबी पीली नदी और 12 किलोमीटर लंबी पोहरा नदी की सफाई सुनिश्चित होगी.
 

गोपनीय हो गया पूरा अभियान

उल्लेखनीय है कि नदी सफाई अभियान में नदी से पूरा मलबा निकालने का दावा महानगरपालिका की ओर से किया गया है किंतु वर्तमान में पूरा अभियान गोपनीय हो गया है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोई भी संबंधित अधिकारी सफाई अभियान को लेकर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. अधिकारियों का मानना है कि मशीनें लगाई गई हैं. मशीन चलाने के लिए किसी अधिकारी या कर्मचारियों की जरूरत नहीं है. एक व्यक्ति मशीन से मलबा निकाला जाना है लेकिन नदी सफाई अभियान शुरू करने से पूर्व नदी में ही मिट्टी और मलबा पड़ा न रहे, इसका विशेष ध्यान रखे जाने का दावा किया गया था जो वर्तमान में पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. अब 1 जनवरी से ही अभियान शुरू क्यों किया गया. इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. जानकारों के अनुसार आमतौर पर अप्रैल में अभियान शुरू किया जाता है किंतु अप्रैल से लोकसभा चुनाव होने की भनक प्रशासन को होगी. ऐसे में नदी सफाई के लिए बाद में समय नहीं मिलने की आशंका के चलते ही जनवरी में अभियान शुरू कर दिया गया.

जोन के सहायक आयुक्तों की भी चुनावी ड्यूटी

प्रत्येक जोन के सहायक आयुक्तों को उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली नदी के हिस्से तथा जोन के नालों की सफाई का जिम्मा सौंपा गया था. जोनल स्तर पर कितनी कारगर सफाई हो रही है. इसका आकलन स्वयं सहायक आयुक्त नहीं लगा पा रहे हैं. इसका कारण यह है कि सहायक आयुक्तों की भी चुनावी ड्यूटी लग गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनावी ड्यूटी लगने के बाद से सहायक आयुक्त जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाने लगे हैं. अधिकांश समय अब चुनावी ड्यूटी के नाम पर खर्च होने लगा है. ऐसे में जोन अंतर्गत होने वाली नदी और नालों की सफाई पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है.

इस तरह है सफाई का टारगेट

नाग नदी

१. अंबाझरी तालाब से पंचशील चौक
२. पंचशील चौक से अशोक चौक
3. अशोक चौक से सेंट जेवियर स्कूल
४. सेंट जेवियर स्कूल से पारडी फ्लाईओवर
५. पारडी फ्लाईओवर से पुनापूर (भरतवाड़ा-नाग व पीली नदी संगम)

पीली नदी

१. गोरेवाड़ा तालाब से मानकापुर दहन घाट
२. मानकापुर दहन घाट से कामठी रोड पुल
3. कामठी रोड पुल से पुराना कामठी रोड पुल
४. पुराना कामठी रोड पुल से पुनापूर (भरतवाड़ा-नाग व पीली नदी संगम)

पोहरा नदी

१. सहकारनगर से नरेंद्रनगर पुल
२. नरेंद्रनगर से पिपला फाटा
3. पिपला फाटा ते नरसाला विहिरगांव