MUKHTAR-ABBAS

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नई दिल्ली: माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को आज यानी शनिवार 30 मार्च को अब से कुछ देर पहले गाजीपुर स्थित मोहम्मदाबाद यूसूफपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। यहां यूसूफपुर के कालीबाग कब्रिस्तान उसकी कब्र बनायी गई है। मुख्तार अंसारी के जनाजे में अफजाल अंसारी के साथ उमर अंसारी और मुख्तार अंसारी का पूरा परिवार वहां मौजूद था। वहीं जब मुख्तार का शव पैतृक आवास से घर लाया जा रहा था, उस वक्त वहां परिवार और समर्थक मौजूद रहे। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के जनाजे में लोगों का जबरदस्त हुजूम उमड़ा।

जानकारी दें कि, मुख्तार अंसारी को आज सुबह करीब 10।35 बजे युसुफपुर के कब्रिस्तान में दफनाया गया। उसकी कब्र उसके माता-पिता के बगल में बनी है। आज उसके जनाजे में बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे। इस दौरान पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी सहित कई सपा नेता शामिल हुए। इससे पहले सुबह करीब 9।25 बजे मुख्तार अंसारी का जनाजा निकला। जिसके चलते पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियां लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुई थी। अंसारी के आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर कालीबाग कब्रिस्तान तक सुरक्षा घेरा बनाया गया था। आज मुख़्तार के बड़े भाई एवं पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी भी उसके जनाजे में शामिल हुए। इस बीच भीड़ ने नारे भी लगाये। अफजाल अंसारी ने कब्रिस्‍तान पहुंचकर लोगों को समझाया कि भीड़ एकत्र न करें और शांति बनाये रखने की अपील की। बाद में सिगबतुल्लाह भी वहां पहुंचे।

देखा जाए तो मुख्तार के जनाजे पर उसके बड़े भाई एवं गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी, बड़े भाई एवं पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी, छोटे बेटे उमर अंसारी, भतीजा एवं विधायक सुहेब अंसारी समेत परिवार के अन्‍य सदस्‍य मौजूद रहे लेकिन मुख्तार के बड़े बेटे एवं विधायक अब्‍बास अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया। अब्‍बास अंसारी आपराधिक मामलों में कासगंज की जेल में निरुद्ध है।

बाटते चलें कि, मुख्तार अंसारी को बीते गुरूवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों के अनुसार अंसारी के पोस्टमार्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। बांदा मेडिकल कालेज में शुक्रवार को अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कराये जाने के बाद शाम पौने पांच बजे 26 वाहनों के सुरक्षा काफिले के साथ उसका शव करीब साढ़े आठ घंटे में लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद देर रात एक बजकर 10 मिनट पर उसके पैतृक आवास पर लाया गया।