Odisha Government, JEE,NEET

यदि सरकारी स्कूलों को समुचित प्रोत्साहन मिले तो उनका भी स्तर सुधर सकता है.

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    ओडिशा की नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद सरकार ने अत्यंत सराहनीय कदम उठाते हुए राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेजों में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 15 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर दी हैं. अब तक ऐसा होता रहा कि सिर्फ अधिक फीस वसूल करने वाले धनाढ्य और प्राइवेट स्कूलों के छात्र ही मेडिकल व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाते थे. ऐसी धारणा बन गई थी कि सरकारी स्कूलों में ढंग से पढ़ाई होती ही नहीं है इसलिए वहां से उत्तीर्ण छात्र अवसरों से वंचित रह जाया करते थे.

    यदि सरकारी स्कूलों को समुचित प्रोत्साहन मिले तो उनका भी स्तर सुधर सकता है. सभी को याद है कि लगभग 3-4 दशक पहले तक देश में सरकारी स्कूलों का स्टैंडर्ड काफी अच्छा था और वहां से भी प्रतिभाशाली छात्र निकला करते थे. बाद में इनमें गिरावट आती चली गई. यदि अब भी उच्च सरकारी अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं तथा ऐसे स्कूलों को प्रोत्साहन दिया जाए तो उनके अच्छे दिन आ सकते हैं. खेद की बात है कि आज देश में कितने ही सरकारी स्कूलों की हालत खंडहर जैसी होती जा रही है.

    दरवाजे-खिड़की टूटे हैं और छत टपकती है, उनका मेंटनेंस ही नहीं किया जाता. ऐसा क्यों होना चाहिए? ओडिशा सरकार ने इस दिशा में राह दिखाई है. सरकारी स्कूल से 10वीं-12वीं पास प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए मेडिकल व इंजीनियरिंग की 15 फीसदी सीटें आरक्षित करना ऐसा कदम है जिसका अन्य राज्यों को भी अनुकरण करना चाहिए ताकि सिर्फ धनी व प्राइवेट स्कूलों तक ही ऐसे कालेज सीमित न रह जाएं. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि इस तरह के आरक्षण सभी तरह के आरक्षणों के साथ-साथ अनारक्षित समूह को कवर करने वाले होंगे.