पूर्णा नदी में प्रदूषण का मुद्दा : गणेश पोटे के आंदोलन से प्रशासन सतर्क

  • एक माह के भीतर प्रदूषण समस्या हल करने का आश्वासन

Loading

अकोला. अकोला जिले में पूर्णा नदी का पानी पूरी तरह प्रदूषित हो गया है. इस ओर प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण मंडल को बार बार सूचित करने के बावजूद अनदेखी किए जाने से सामाजिक कार्यकर्ता गणेश पोटे ने बुधवार को नदी में तैरना आंदोलन शुरु किया. बुधवार की सुबह गणेश पोटे पूर्णा नदी के पानी के बहाव में कूद पड़े, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया. नदी में प्रदूषण की समस्या एक माह के भीतर हल करने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिये जाने के बाद गणेश पोटे ने आंदोलन समाप्त किया.

बुधवार की दोपहर बाद विधायक रणधीर सावरकर, प्रदूषण मंडल के पाटिल, तहसीलदार विजय लोखंडे सहित अन्य अधिकारी समीपी ग्राम गांधीग्राम पहुंचे थे. सुबह 11 बजे गणेश पोटे ने नदी में छलांग लगाकर तैरते हुए पुल के समीप शिव मंदिर के पास रुके. नदी में पानी क्षमता से अधिक था. दोपहर के समय पूर्व विधायक डा.जगन्नाथ ढोणे, गजानन दालू गुरुजी ने गणेश पोटे से भेंट की.