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    • शौचालय का प्रमाण पत्र संलग्न नहीं करना महंगा पड़ा

    अकोला. अकोला तहसील की राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समझे जानेवाली वाशिंबा ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच गुणवंती वानखड़े को सरपंच पद से अपात्र घोषित करने के आदेश जिलाधिकारी ने 9 मार्च को दिए थे. यह आदेश अब अमरावती विभागीय आयुक्त ने भी बरकरार रखा है. दोनों आदेश वाशिंबा के राजेंद्र वानखड़े की ओर से दायर एक याचिका पर जारी किए गए हैं. 2017 के आम चुनाव में, वाशिंबा सरपंच और सदस्य चुने गए थे.

    उस समय सरपंच का पद सीधे मतदाताओं द्वारा चुना जाता था. 21 सितंबर 2017 को जब गुणवंती वानखड़े ने सरपंच पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, तो उन्होंने शौचालय होने और नियमित रूप से इसका उपयोग करने या अपना शौचालय होने के संबंध में ग्राम सभा की घोषणा संलग्न नहीं किया था.

    इसलिए राजेंद्र वानखड़े ने महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम, 1959 की धारा 14 (1) ज 5 के तहत अकोला के जिलाधिकारी के पास एक याचिका दायर की थी. जिलाधिकारी ने 9 मार्च 2021 को गुणवंती वानखड़े को सरपंच पद के लिए अपात्र घोषित किया था. जिससे गुणवंती वानखड़े अमरावती विभागीय आयुक्त के पास पहुंची और अपील दायर की.

    इस अपील को विभागीय आयुक्त ने 12 जुलाई 2021 को खारिज कर दिया है और वाशिंबा के सरपंच का पद रिक्त हो गया है. इस मामले में याचिकाकर्ता राजेंद्र वानखड़े का प्रतिनिधित्व एड.संतोष रहाटे ने किया जबकि गुणवंती वानखड़े का प्रतिनिधित्व एड.अभय थोरात ने किया.