कोरोना से जब मरेंगे तब मरेंगे, अभी तो बेरोजगारी से मरने की स्थिति

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    • दूसरे प्रांतों से आए कारीगर, 
    • कामगार वापसी की स्थिति में

    अकोला. शहर तथा जिले में सुबह 7 से 11 बजे तक सिर्फ जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानें शुरू हैं. इसके अलावा सभी दुकानें पूरी तरह बंद हैं. शहर तथा जिले में रोज कोरोना से अधिक चर्चा का विषय लाकडाउन हैं. एक ही अफवाह फैली हुई है कि आगे लाकडाउन और सख्त किया जाएगा, जिला बंदी की जाएगी. शायद इसी बात को लेकर दूसरे प्रांतों से आए हुए कुछ कामगार तथा कारीगर अकोला शहर से अपने प्रांतों में वापस जाने की तैयारी कर रहे हैं.

    शहर तथा जिले में सोने चांदी के शोरुम में काम करनेवाले कारीगर तथा कर्मचारी, कपड़े की दुकानों में, इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की दुकानों में, शराब से जुड़े व्यवसायों में काम करनेवाले कामगार इसके अलावा विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत लोग, बड़ी बड़ी होटलों, मंगल कार्यालयों, मंडप से कॉन्ट्रैक्टर के यहां कार्यरत लोग, बैंडबाजों के कलाकार, पुस्तकों की दुकानों में काम करनेवाले लोग अब अपने आप को पूरी तरह से बेरोजगार समझ रहे हैं. क्योंकि अभी तक 30 अप्रैल तक दुकानें बंद रखने के आदेश हैं. और आगे कब तक बंद रहेगा कहा नहीं जा सकता है.

    इसमें कई कर्मियों और कारीगरों का कहना है कि कोरोना से जब मरेंगे तब मरेंगे फिलहाल तो बेरोजगारी और भुखमरी से मरने की स्थिति है. उत्तर भारत से आए बड़ी संख्या में लोग शहर में मौसंबी, संतरा तथा पाइनापल का जूस बेचते हैं. अब इनका काम पूरी तरह से बंद हैं. इसमें से कई लोग अपने गांव वापस लौट गए हैं. इनका कहना है कि कब जिलाबंदी हो फिर प्रांतबंदी हो ओर हमलोग अपने गांव जा न पाएं. इसलिए कई लोग अपने अपने गांव वापस लौटने की तैयारी में हैं. 

    पेट भर खाने को ही नहीं पौष्टिक चीजें कहा से खाएं

    इस समय लाकडाउन के कारण बड़ी संख्या में ऑटोरिक्शा चलानेवाले इसी तरह लोगों के घरों में काम करनेवाले लोगों के साथ नियमित मजदूरी करके अपना उदरनिर्वाह करनेवाले लोग बेरोजगार हो गए हैं. इन लोगों से बातचीत करने पर इनका कहना हैं कि स्वास्थ्य विभाग कहता है कि कोरोना से बचने के लिए, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए पौष्टिक वस्तुएं खानी चाहिए. लेकिन यहां तो रोजगार ना होने से पेट भर खाना ही नहीं मिल रहा है. तो पौष्टिक वस्तुएं कहां से खाएं? इन लोगों का कहना है कि एक तो कोरोना वायरस का डर उस पर पूरी तरह से बेरोजगारी की स्थिति सरकार ने इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.

    सभी प्रतिष्ठान खुले रखें सुबह 7 से 12 बजे तक

    आज इस बारे में कई लोगों से बातचीत करने पर लोगों का यह कहना था कि प्रशासन ने जीवनावश्यक वस्तुओं के साथ साथ सोने चांदी के शोरुम, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के प्रतिष्ठान, कपड़ों, बरतनों के प्रतिष्ठान, हेयर कटिंग सलून, ब्यूटी पार्लर, पुस्तकों की दुकानें, जनरल स्टोअर्स, इलेक्ट्रिक की दुकानें, कटलरी स्टोअर्स, प्रिंटिंग प्रेस, जूते चप्पल की दुकानें, होजियरी की दुकानें, झेरॉक्स और स्टेशनरी की दुकानों के साथ साथ सभी प्रकार की दुकानों को सुबह 7 से 12 बजे तक अनुमति देनी चाहिए. जिससे निश्चित ही बेरोजगारों को काम मिल सकेगा और भुखमरी की स्थिति टल सकेगी.