अमरावती. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजीप्रा) ची आर्थिक स्थिति सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. वहीं दूसरी ओर कोरोना के चलते आर्थिक स्थिति ग्राहकों की नहीं रहने से जलापूर्ति ग्राहकों पर 337 करोड़ 22 लाख रुपये का बकाया है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से कार्यालय भी खाली हो चुके है. प्राधिकरण के करोड़ों रुपयों की वसूली 40 प्रतिशत कर्मचारी के भरोसे होने के चलते लक्ष्य पूर्ण हो पाएगा अथवा नहीं. ऐसा सवाल उत्पन्न हो गया है.
10 वर्षों से बढ़ रहा बकाया
मनपा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले परिसर को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की ओर से अप्पर वर्धा डैम से जलापूर्ति की जाती है. शहरवासियों को एक दिन बाद जलापूर्ति की जाती है. अमृत योजना के तहत निर्माण हो रही 11 टंकियां व जलशुद्धिकरण केंद्र का काम अधूरा है. ठेकेदार कोर्ट में जाने से यह योजना अधूरी पड़ी है. जिससे लोगों को 24 घंटे जलापूर्ति का सपना अधूरा ही रह गया. शहर के सामान्य घरेलू ग्राहक, वाणिज्य व महानगरपालिका को आपूर्ति की जाने वाले 95 हजार बताया जा रहा है. गत् दस वर्ष में यह रकम 337 करोड़ 22 लाख तक पहुंच गई हैं.
मूल रकम से अधिक बढ़ा ब्याज
मनपा पर महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण का सर्वाधिक बकाया होने की जानकारी है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मनपा जीवन प्राधिकरण के माध्यम से जलापूर्ति करती हैं. उसके ऐवज में बिल मनपा को चुकाना पड़ता था. मनपा ने बकाया नहीं चुकाने के चलते 117 करोड़ 12 लाख 70 हजार 370 रुपए के बिल बकाया हैं. जिसमें मूल रकम 53 करोड़ 2 लाख 84 हजार 17 हजार हैं, लेकिन ब्याज का आंकड़ा 43 करोड 9 लाख 91 हजार 393 रुपये का है.
बिल अदा करने में देरी होने के चलते जुर्माने का आकड़ा मूल रकम से भी अधिक हो रहा है. घरेलू व कमर्शियल ग्राहक को पर 137 करोड़ 11 लाख 76 हजार 443 रुपये का मूल बिल बकाया है. जिसमें भी ब्याज की रकम 82 करोड़ 98 लाख 20 हजार 481 रुपये ऐसा कुल 220 करोड़ 9 लाख 96 हजार 924 रुपए मजीप्रा को वसूल करने हैं.
40 प्रतिशत कर्मचारी
मजीप्रा के पास मात्र 40 प्रतिशत कर्मचारी है शेष है. अधिकांश अधिकारी कर्मचारी दिसंबर 2020 में ही सेवानिवृत्त होने से अधिकांश टेबलों का प्रभार एक दूसरे के पास सौंपा है. सेवानिवृत्तों का आकड़ा 60 प्रतिशत तक पहुंच जाने से काम कैसे करे और वसूली मुहिम भी कैसे होगी ऐसा प्रश्न कर्मचारियों के सामने निर्माण हुआ है. परिणामत: बकाया रकम का आकड़ा रोजाना ही बढ़ता जा रहा है.
नागरिक सहयोग करें
कोरोना के चलते नागरिकों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, लेकिन जिस तरह हर नागरिक मोबाइल का रिचार्ज, टीवी का रिचार्ज और महावितरण का बिल अदा करता है उसी तरह मजीप्रा के कार्रवाई की राह न देखते हुए स्वयंस्फूर्ति से बकाया अदा कर मजीप्रा को सहयोग करें. 10 वर्षों से बकाया रकम का आकंड़ा बढ़ती ही जा रहा है.-सुरेंद्र कोपुलवार, कार्यकारी अभियंता