Banking loan waiver scheme Hundreds of farmers are deprived of benefits

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    अमरावती. मानसून की दस्तक के साथ खरीफ की बुआई की तैयारियां भी तेज हो गई है. लेकिन अब तक जिले के 50 फीसदी किसान कर्जमाफी से वंचित हैं. जिससे इन किसानों को नया कर्ज लेना मुश्किल हो गया है. बैंकों ने अब तक केवल 35 प्रतिशत फसल ऋण का ही वितरण किया है. इस वर्ष 1 लाख 23 हजार 681 किसान कर्जमाफी के पात्र हैं. लेकिन इनमें से केवल 35 हजार 304 किसानों को ही अब तक कर्ज मिल पाया है. 

    जिले के 88 हजार 377 किसान अब भी कर्ज न मिलने से परेशान है. मजबूरीवश उन्हे साहूकारों से कर्ज लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड रही है. मौसम विभाग द्वारा मानसून समय पर पहुंचने का अनुमान जारी किया था. मानसूनी का भी समय पर आगमन हुआ. जिसके चलते किसानों ने भी खेतों में बुआई की तैयारियां कर लिए है. लेकिन अब पैसे के अभाव में कई किसानों के खेती के काम ठप हो गए हैं.

    5 – 10 हजार रू. के कारण वंचित

    महाआघाडी सरकार ने महात्मा ज्योतिराव फुले किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत किसानों को 2 लाख रुपये तक की कर्जमाफी दी है. हालांकि कई किसानों पर 2.05 लाख रुपये और 2.10 लाख रुपये का कर्ज है. इसलिए ये किसान इस योजना से वंचित रखे गए हैं. किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाए. ताकि शेष राशि का भुगतान कर सभी किसान  कर्जमुक्त होकर उन्हे नया कर्ज मिल सके, यह मांग कर्ज की प्रतिक्षा कर रहे अल्पभूधारक किसान कर रहे है. 

    लाकडाऊन से विलंब

    कर्जमाफी योजना की शुरूआत पिछले साल हुई. किसानों के आधार प्रमाणीकरण का काम शुरू ही हुआ था कि कोरोना के कारण लंबे समय तक का लाकडाउन लगा. जिससे आधार प्रमाणिकरण प्रकिया पर ब्रेक लग गया. बाद में फिर शुरू हुई यह प्रक्रिया कछुआ चाल से शुरू है. जिसके कारण जिले के 50 फीसदी किसान आज भी कर्जमाफी से वंचित हैं.

    कर्ज वितरण में लचीलापन

    बागवानों और असिंचित किसानों को हर साल अलग-अलग राशि का ऋण वितरित किए जाते हैं. इस वर्ष बागवानी किसानों को 60,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और असिंचित किसानों को 52,000 रुपये प्रति हेक्टेयर  के हिसाब से ऋण वितरित किया जा रहा है. पिछले साल असिंचित किसानों को 45,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बागवानी किसानों को 52,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का ऋण दिए जाने की जानकारी राजुरा बाजार सेंट्रल बैंक के प्रबंधक मंगेश रामटेके ने दी है.

    वर्ष 2020-21 में कर्ज वितरण का ब्यौरा (रु. करोड़ में)

    बैंक    लक्ष्य  वितरण प्रतिशत 

    बैंक ऑफ बड़ौदा 50 10.91 22

    बैंक ऑफ इंडिया 50 7.53 15

    बैंक ऑफ महाराष्ट्र 250 55.55 22

    केनरा बैंक 16 1.88 12

    सेंट्रल बैंक 210 42.77 20

    इंडियन बैंक 30 4.91 16

    इंडियन ओवरसीज 08 0.49 6

    पंजाब नेशनल 12 0.98 8

    बैंक ऑफ इंडिया 310 54.58 18

    यूको बैंक 05 0.13 3

    यूनियन बैंक 57 5.37 9

    एक्सिस बैंक 12 0.40 3

    एचडिएफसी 30 3.05 10

    आईसीआईसीआई 30 1.11 4

    आईडीबीआई 05 0.56 11

    रत्नाकर बैंक 01 0.0 00

    इंडसइंड 0.50 0.35 70

    विदर्भ कोंकण 18 5.49 31

    एडीडीसी 405 325.79 80

    कुल 1500 521.83 35

    कर्जमाफी नहीं, कर्ज भी नहीं

    कर्ज लेने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड रहे है. बैंक मैनेजर भी ठीक से बात तक नहीं करते है. कर्ज माफ किया गया है या नहीं यह तक पता नहीं है. जिससे अब क्या करें, क्या ना करे इस दुविधा में किसान है.- नीलेश दाभाडे, किसान वड़गांव

    छलावा है कर्ज माफी

    सरकार की कर्ज माफी छलावा है. जिन पर 50 – 60 हजार का कर्ज है, उनका कर्ज माफ किया गया. बाकियों को ठेंगा दिखाया गया है. बैंक में कोई बात करने तक तैयार नहीं है. जिससे किसान त्रस्त है. – जगदीश ठाकरे, किसान, वरूड़

    किसानों के साथ भद्दा मजाक 

    कर्जमाफी के नाम पर सरकार ने किसानों का मजाक उड़ाया है. इस कर्जमाफी से सिर्फ 20 फीसदी किसानों को ही लाभ मिला है. बैंक जाकर कर्जमाफी के बारे में पूछने पर किसानों को कर्जमाफी की सूची में नाम ही नहीं रहने का जवाब मिलता है. जिससे अधिकांश किसान कर्जमाफी से वंचित है.- प्रमोद देशमुख, किसान, गाडेगांव