सीमेंट-लोहा के दामों में भारी उछाल, ईंट, रेत मिलना हुई मुश्किल

  • पीवीसी पाइप हुए महंगे

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अमरावती. कोरोना लॉकडाउन के कारण पहले ही लोग आर्थिक तंगहाल हो चुके है. जैसे-तैसे अधूरे पड़े मकान बनाने की प्रक्रिया लोगों ने अनलाक में शुरू की, लेकिन अब वह भी असंभव नजर आ रहा है. सीमेंट, लोहे के दाम बढ़ने तथा ईंट और रेत मिलना मुश्किल हो गया है. जिसके कारण निश्चित ही अब नया मकान खरीदने का बजट भी लड़खड़ाने वाला है. 

व्यापारियों को भी तगड़ा झटका

अचानक सीमेंट, लोहे के दाम बढ़ जाने से लोगों के साथ व्यापारियों की भी ग्राहकी नहीं के बराबर ही हो गयी है. जो अत्यावश्यक है. वहीं काम करेगा. इसलिए नागरिक भी मकान निर्माण का प्लान बदल रहे है. कोरोना के कारण मार्च माह से व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया. 6 माह बाद जैसे तैसे लोगों ने अधूर पड़े निर्माण कार्य शुरू कराए और नये निर्माण कार्य आरंभ होने वाले थे. ऐसे में दाम बढ़ने से व्यापारियों को भी झटका लगने वाला है. बिल्डरों में भी इसका विरोध जताया जा रहा है. प्रशासन की माने तो लाकडाउन के कारण ईंटें बनाने का काम पूरी तरह से ठप रहा. भट्टियां बंद रहने से अब ईंटें मिलना मुश्किल हो गया. इसलिए दाम बढ़ाए गए. वहीं दूसरी ओर वर्धा रेत की नीलामी अभी तक नहीं हो पायी. इसलिए वर्धा रेत बंद और कन्हान रेत शुरू है, लेकिन उसके भी दाम बढ़ाए गए है. 

बिजनेस ही खत्म होगा

लाकडाउन के बाद अक्तूबर-नवंबर में ही मकानों का निर्माण कार्य आरंभ हो गया. जैसे तैसे व्यवसाय को गति प्राप्त हुई थी तो साहित्यों के दाम बढ़ने से अब ग्राहकी ही समाप्त हो गई. पहले 270-280 में मिलने वाली सीमेंट की बोरी 340-350 में मिलेगी. 3800 रुपए क्विंटल से मिलने वाला लोहा 4800 रुपए क्विंटल हो गया है. -सोनू रुंगठा, बडनेरा उद्योजक

गिट्टी, ईंट व रेत कहां से लाए 

मकान निर्माण के लिए अत्यावश्यक साहित्यों में सीमेंट व लोहे के दाम बढ़ गए है. वहीं दूसरी ओर गिट्टी, ईंट व रेत मिलना मुश्किल हो चुका है. गिट्टी की जगह चूरी का इस्तेमाल करने पर मजबूर हो रह है. ईंट नहीं मिलने से नागरिकों को घूमना पड़ रहा है. ऐसे में दाम बढ़ाए जाने से निश्चित ही मकान का बजट भी बढ़ जाएगा. -निशिकांत राऊत, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर 

आर्थिक संकट में फंसेगा व्यवसाय

लाकडाउन के बाद निर्माण व्यवसाय को अच्छे दिन आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन निर्माण कार्य मटेरियल के दाम बढ़ने से ग्राहकों में उदासीनता आयेगी और व्यापार बढ़ने की बजाए घट जाएगा. जिससे निश्चित ही आर्थिक संकट निर्माण होने की संभावना है. सीमेंट, ईंटों के साथ साथ मेटल, पीवीसी में भी 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. -राम महाजन, बिल्डर