अमरावती. तीन कृषि बिल का विरोध करने के लिए दिल्ली में शुरू किसान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान व चीन का हाथ होने का अनर्गल बयान देने पर भाजपा नेता राव दानवे के खिलाफ जिले के किसान आगबबूला हो गए है. किसानों ने चेताया है कि आंदोलन को शत्रू देशों से जोड़कर देश के अन्नदाताओं का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएंगा.
किसानों की घोर अवमानना
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सासंद रावसाहब दानवे ने दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान जो शब्द कहें है उससे केवल आंदोलन कर्ता किसानों का ही नहीं तो संपूर्ण देश के किसानों का अपमान हुआ है. किसानों के नाम पर राजनीति करनेवाले दानवे का निषेध होना चाहिए. इसके पहले भी उन्होंने किसानों को साले शब्द का इस्तेमाल किया था.-विनोद तर्हेकर, शिवनी रसुलापुर
व्यापारियों के हित में कानून का विरोध
तीनों कृषि बिल किसान,कामगारों के विरोध में है. आम किसान अपना कृषि माल परप्रांत तो दूर दूसरे जिले में नहीं ले जा सकता. क्योंकि उसे यातायात के लिए भी खर्च भी उतना आता है. निजी बाजार समिति अस्तित्व में आने के बाद कुछ समय अच्छा दाम देंगे. फिर बाजार समिति भी उद्योगपतियों के हाथों में सौंप देंगे. व्यापारियों के हित में काम करने वाली सरकार है. लेकिन किसान भी देश का अन्नदाता है. वह गुलामी में काम नहीं करेंगा. -हरीदास राजगीरे, सावनेर, नांदगाव खंडेश्वर
किसानों को अपशब्द बोलना गलत
दिल्ली में शुरू किसान आंदोलन में पाकिस्तान व चीन का हाथ है. यह कहना सरासर गलत और खुराफाती दिमाग की गंदी उपज है. यदि केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया कानून गलत नहीं होता तो एक दो नहीं बल्कि इतनी बड़ी संख्या में किसान आंदोलन करने पर नहीं उतरते. इसका तो भाजपा ने चिंतन करना चाहिए न ही किसानों के बारे में अपशब्द कहना चाहिए. -दामोधर कुयटे, किसान, वरुड़
देश को डूबाएंगी ऐसी राजनीति
दिल्ली में शुरू आंदोलन केवल किसानों का है. उसे अन्य पार्टियों का समर्थन प्राप्त हो रहा है. इसलिए दूसरे विरोधी देश पर आरोप लगाकर अपने ही देश के किसानों को बुरा-भला कहना गलत है. ऐसी गंदी राजनीति देश को डूबाएंगी. यदि इस कानून में किसानों का फायदा है तो पीएम मोदी ने इतना बड़ा आंदोलन होने के बावजूद एक शब्द भी क्यों नहीं कहा. केवल किसानों को गुमराह करने का प्रयास है. -शंकर कालमेघ, किसान दहिगांव रेचा, अंजनगांव सुर्जी
आंदोलन करना किसानों का अधिकार
किसी भी व्यक्ति पर अत्याचार होता है तो आंदोलन करना उसका लोकतांत्रित अधिकार है. किसानों पर अत्याचार होने से ही सैकड़ों की संख्या में किसान सड़कों पर उतरे हैं. आंदोलन में पहुंचकर किसानों की समस्या समझने की बजाए यदि रावसाहब दानवे केवल राजनीतिक फायदे के लिए बयानबाजी कर रहे है तो उन्हें भी कुछ ही दिनों में समझ आएगा. इसलिए केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार करना चाहिए. -विजय बेलसरे, कांडली परतवाडा
अपना भला-बुरा समझते हैं किसान
केंद्र सरकार के कानून से किसानों को कोई भी फायदा होने वाला नहीं है. उल्टा किसानों का नुकसान है. इसलिए यह कानून तुरंत ही रद्द कर देना चाहिए. किसानों की स्थिति काफी गंभीर है. किसानों को नुकसान भरपाई के लिए राज्य ने पैकेज दिया, लेकिन केंद्र सरकार पैकेज देने के लिए भी महाराष्ट्र के लिए आगे पीछे सोच रही है, क्योंकि यहां उनकी सरकार नहीं है. केवल अपने फायदे के लिए सरकार किसानों को नहीं समझती तो किसान भी अपना भला बुरा समझते है.-नामदेव बहुरूपी, किसान वरुड़
कानून रद्द करों
बयानबाजी करने की बजाए केंद्र सरकार ने कृषि बिल को रद्द करना चाहिए. किसानों ने आखिरकार एक ही महत्वपूर्ण मांग की है. यदि व्यापारियों का फायदा नहीं है तो सत्ता का फायदा उठाते हुए क्यों बिल पास किया. भाजपा ने किसानों को दिया हुआ एक भी वादा पूर्ण नहीं कर रही है. दानवे ने केंद्र सरकार को यह समझाना चाहिए. उल्टा वे भी किसानों के बारे में भला बुरा कहते है. इसलिए उनका निषेध होना चाहिए. -नामदेव तनपुरे, किसान कविठा बु.