Waste PPE Kit in Trash, Inviting Transition

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अमरावती. नागपुरी गेट के बाद अब सुकली कंपोज्ड डिपो पर वेस्ट पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट सूट (पीपीई) अज्ञात व्यक्ति द्वारा कचरा पेटी में डाला गया. कचरा पेटी से यह पीपीई सूट सुकली कंपोज्ड डिपो पर डाले जाने से यह मामला गुरुवार को सामने आया. कंपोज्ड डिपो पर कचरा उठाने वालों ने भी यह पीपीई किट रेनकोट समझकर उठा ली, जिससे उन्हें भी कोरोना संक्रमण का भय है. जहां एक ओर प्रशासन कोरोना की श्रृंखला तोड़ने में युद्धस्तर पर जुटा है, वहीं लापरवाही बरतने वाले यूज करने के बाद पीपीई सूट को योग्य डिस्ट्राय करने की बजाय कचरे में फेंककर कोरोना वायरस को फैलाने का कृत्य कर रहे हैं. 

10 दिन बाद पहुंचती है किट
कोरोना बाधित मरीजों का उपचार करते समय वैद्यकीय अधिकारी व कर्मचारियों को कोरोना नहीं हो, इसके लिए उन्हें सुरक्षा हेतु पीपीई किट दी जाती है. लेकिन यह किट एक बार पहनने के बाद दोबारा इस्तेमाल नहीं की जा सकती. कपड़ों पर कोरोना के लक्षण होने का खतरा रहता है. इसलिए गाइड लाइन के अनुसार ही उसे नष्ट करने की प्रक्रिया करनी पड़ती है. लेकिन 10 दिन बाद पीपीई सूट इसी तरह कचरे में फेंके जाने की जानकारी कंपोज्ड डिपो के कर्मियों ने दी. 

स्वच्छता वैद्यकीय अधिकारी ने की कार्रवाई 
कंपोज्ड डिपो पर पीपीई सूट मिलने की सूचना पर महानगरपालिका की वैद्यकीय अधिकारी डा. सीमा नेताम ने तत्काल ग्लोबल इको सेव कंपनी को इस संदर्भ में जानकारी दी. घटना की गंभीरता को देखते हुए कंपनी की टीम ने तुरंत ही कंपोज्ड डिपो पहुंचकर पीपीई सूट उठाकर दुर्गापुर स्थित कंपनी में नष्ट करने के लिए ले गये.

कार्रवाई होना जरूरी 
खुले में पीपीई सूट डालने का मामला निजी अस्पतालों का होने की संभावना प्रशासन ने जताई है. ऐसे में संगठनों ने भी लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसके पूर्व नागपुरी गेट के पास स्थित मैदान में पीपीई सूट पाये जाने से मुस्लिम यूथ लीग के शहराध्यक्ष अ. नदीम ने कार्रवाई की मांग की थी.