औरंगाबाद. महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बेहतर पक्ष न रखने के कारण ही राज्य के स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण रद्द हुआ है। यह आरोप भाजपा के ओबीसी मोर्चा ने लगाकर क्रांति चौक में आक्रोश आंदोलन किया। आंदोलन का नेतृत्व विधायक हरिभाऊ बागडे, विधायक अतुल सावे, शहराध्यक्ष संजय केणेकर, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महासचिव बापू घडामोडे ने किया।
आंदोलन के दौरान भाजपाईयों ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी समाज को शैक्षणिक, राजनीतिक क्षेत्र से खत्म करने का षडयंत्र रचा है। आक्रोश आंदोलन के आयोजक अतुल सावे तथा पार्टी के शहराध्यक्ष केणेकर ने बताया कि ठाकरे सरकार हमेशा की तरह इस मामले में निष्क्रिय रही। इसलिए महाराष्ट्र में ओबीसी के लिए किसी भी प्रकार राजनीतिक आरक्षण बाकी नहीं रहा।
एम्पिरिकल डाटा तैयार करने की जरुरत
जनगणना किए बिना आरक्षण नहीं मिलेगा, यह कहकर अब ओबीसी समाज को गुमराह किया जा रहा है। यह आरक्षण राजनीति में क्यों जरुरी है, यह सिध्द करने के लिए एम्पिरिकल डाटा तैयार करने की जरुरत है। एम्पिरिकल डाटा तैयार करने पिछड़ा आयोग अस्तित्व में होना जरुरी है। उसका पुनर्गठन भी आज तक नहीं किया गया। आज यह आयोग कार्यान्वित रहता तो एम्पिरिकल डाटा का काम शुरु किया जा सकता। जिससे सरकार को आगामी कुछ दिनों में ही आरक्षण पुर्नस्थापित करना आसान होता, लेकिन सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से न लेने के कारण ही ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य की तत्कालीन फडणवीस सरकार द्वारा जारी किया हुआ अध्यादेश भी रद्द हुआ है। यह आरोप विधायक अतुल सावे व शहराध्यक्ष संजय केणेकर ने लगाया।
आरक्षण बचाने की मांग
विधायक सावे ने सरकार ने तत्काल पिछड़ा जाति आयोग की स्थापना कर ओबीसी समाज के जनसंख्या को लेकर जिला निहाय सर्वे कर उसके आधार पर आरक्षण बचाने की मांग की। आंदोलन में राजेश मेहता, समीर राजुरकर, शिवाजी दांडगे, सुहास सिरसाठ, अनिल मकरिए, गोविंद केन्द्रे, राज वानखेडे, मनीषा भन्साली, रामेश्वर भादवे, मनीषा मुंडे, ताराचंद गायकवाड, शंकर म्हात्रे, दौलतखान पठाण, ज्ञानेश्वर बोरसे, सिध्दार्थ सालवे, संजय राठोड, संजय फत्ते लष्कर, हाफिज शेख, संजय बोराडे, महेश राउत, बंटी हेकाडे, निलेश धारकर, धनंजय पालोदकर, सुनील जाधव, राजू बुरकूल पाटिल, सतीश पाटिल, गीता कापुरे, वर्षाताई सांलुके, द्विव्याताई मराठे, प्रतिभाताई जरहाड, दिव्या पाटिल, खाजेकर ताई, सविताताई घोडतुरे आदि ने हिस्सा लिया।