औरंगाबाद शहर को ग्रीन जोन में लाएं

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 – पालकमंत्री देसाई के प्रशासन को निर्देश 

औरंगाबाद. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन की यंत्रणा को सफलता मिल रही है. यह बात समाधान कारक है. उसी पध्दति पर शहर में काम करते हुए औरंगाबाद को रेड जोन से ग्रीन जोन में लाए. यह निर्देश राज्य के उद्योगमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई ने यहां दिए.

पालकमंत्री देसाई के अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में कोरोना संक्रमण को लेकर शनिवार को  जायजा बैठक संपन्न हुई. बैठक में उपस्थित जिले के सभी आला अधिकारियों को देसाई ने यह निर्देश दिए. बैठक में जिलाधिकारी उदय चौधरी, मनपा आयुक्त आस्तिककुमार पांडेय, जिला परिषद सीईओ मंगेश गोंदावले, अपर जिलाधिकारी भानुदाव पालवे, एसपी मोक्षदा पाटिल, शहर के सीपी चिरंजीव प्रसाद, निवासी उपजिलाधिकारी संजीव जाधव, डीएसओ महादेव किरवले, घाटी अस्पताल के शिवाजी सुक्रे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. सुंदर कुलकर्णी, मनपा की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नीता पाडलकर उपस्थित थी. जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे उपाय योजनाओं का जायजा लेकर पालकमंत्री ने शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए शहर के मरीजों की संख्या नियंत्रित करने के लिए टास्क फोर्स के सूचना के अनुसार इलाज पध्दति अधिक सशक्त करने के निर्देश दिए. 

लोगों की मानसिकता मजबूत होना जरुरी 

पालकमंत्री देसाई ने कहा कि लोगों की मानसिकता मजबूत करना यह महत्वपूर्ण काम है. उसके लिए मनपा ने वार्ड स्तर पर अथवा जिस स्थान पर जरुरी हैं, वहां बुखार जांच शिविर का आयोजन बड़े पैमाने पर संदिग्धों की जांच करें. उससे लोगों के मन में कोरोना को लेकर जो डर पैदा हुआ है, वह कम होने में मदद मिलेंगी. इसके लिए निजी डॉक्टरों की मदद ली जाए. जिला अस्पताल, सरकारी घाटी अस्पताल तथा अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए जरुरी सभी सामग्री तैयार रखने के लिए भी प्राथमिकता दे. ऑक्सिजन, खून का व्यापक स्टॉक उपलब्ध कराया जाए. 

जरुरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराए 

उन्होंने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि लॉकडाउन में जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, सरकार ने उन्हें मुफ्त में मई व जून माह में प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल देने का निर्णय लिया है. उस पर जिले भर में बेहतर रुप से अमलीजामा पहनाए. विशेषकर, बिना तकलीफों के जरुरत मंदों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराए. राशन वितरण में गड़बडिय़ां करनेवालों दुकानदारों पर सख्त कार्यवाही करें. यह निर्देश भी पालकमंत्री देसाई ने  दिए. 

937 मरीज कोरोना से मुक्त होकर पहुंचे घर 

बैठक में उपस्थित जिलाधिकारी उदय चौधरी ने बताया कि अब तक जिले में कुल संक्रमित मरीजों में से 937 मरीज कोरोना से मुक्त होकर घर लौटे है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में प्रशासन कामयाब रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पताल में भी बड़े पैमाने पर इलाज जारी है.जिससे मरीजों की संख्या कम होने का दावा कलेक्टर चौधरी ने किया.

11 हजार 811 लोगों की गई जांच 

बैठक में मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय ने बताया कि अब तक शहर में 11 हजार 811 संदिग्धों की कोरोना टेस्ट की गई. साथ ही मनपा की ओर से 50 साल के नागरिकों की आशा सेविका, शिक्षक द्वारा घर घर जाकर थर्मा मीटर तथा ऑक्समीटर द्वारा जांच की जा रही है. साथ ही नागरिकों को प्रतिदिन अपने स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी पंजीकृत करने के लिए मेरी हेल्थ मेरे हाथों यह मोबाइल एप की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.