एक तरफ खुशी : दूसरी तरफ गम

  • तो दूसरी तरफ पटरी उखडी

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– विजय खंडेरा

भंडारा. भंडारा जिले के इतिहास में बुधवार को दिन किसानों को बेसब्री से इंतजार था. क्योंकि किसान रेल से ढाई टन र्मिची की खेप कोलकाता जानेवाली थी. भंडारा रोड रेलवे स्टेशन पर ढोलनगाडे के साथ किसान रेल का स्वागत हुआ. इसे ऐतिहासिक बताया गया. लेकिन वहीं दूसरी ओर रेल पुलिस बल की सुरक्षा के बीच 60 के दशक में बिछाई गयी रेल पटरी को उखाडने के काम पर पुन: शुरू किया गया. मौजूद ठेकेदारों ने बताया कि लगभग 1 सप्ताह में काम पूरा हो जाएगा. मुंबई में मौजूद विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने इसे अनुचित बताते हुए पुन: आंदोलन की चेतावनी दी. जबकि सांसद सुनिल मेंढे से कोई जवाब नहीं मिला.

किसान रेल का भव्य स्वागत

किसानों के कृषि उत्पाद को कम समय एवं धन की बचत करते हुए बाजार तक पहुंचाने के लिए छिंदवाडा से हावडा तक शुरू हुई किसान रेल जब भंडारा रोड रेलवे स्टेशन के फ्लैटफार्म नंबर 3 पर पहुंची तो किसान, व्यापारी एवं युवाओं को जोश देखते ही बनता था. जय जवान जय किसान संगठन की ओर से ट्रेन इंजन की पूजा की गयी, लोकोपायलट को फुलमाला पहनाकर, पेठे खिलाकर स्वागत किया गया. इधर जीस बोगी में माल चढाया गया. उसके सामने किसान ढोल नगाडे के ताल पर झूम रहे थे. मिर्ची से भरे 58 बोरों को बोगी में चढाया गया. बोगी के प्रवेश्द्वार पर पूजा की गयी. इस अवसर पर बीटीबी सब्जी मंडी अध्यक्ष बंडू बारापात्रे एवं अन्य उपस्थित थे. रेल अधिकारी नितिन पाटील, रेलवे स्टेशन मास्टर मरमु, डीआरयुसीसी सदस्य सेवक कारेमोरे ने पूरा समय उपस्थित रहकर माल चढाने में सहयोग प्रदान किया.

प्रतिदिन चलाई, स्टापेज समय बढाए

किसानों ने बताया कि माल को सिधे किसान रेल तक पहुंचाने में दिक्कत पेश हुई. अगर मार्ग उपलब्ध कराया जाता है, स्टापेज समय बढाया जाता है एवं गाडी प्रतिदिन चलाई जाती है तो अकेले भंडारा जिले के माल से गाडी भर कर भेजी सकती है.

रेल पटरी उखाडी

दीवाली के पूर्व में भंडारा रोड से जवाहरनगर तक की रेल पटरी उखाडने का काम शुरू हुआ था. सांसद सुनिल मेंढे के घर के सामने से पटरी उखाडी गयी. जिसपर सांसद मेंढे ने नाराज़गी जताई थी. रेलवे की करतूत पर जिले में कडी प्रतिक्रिया उमड़ी. विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मौके पर पहुंचकर काम बंद करवाया. इसके पश्चात नवभारत की पहल पर सर्वदलीय सभा का आयोजन किया गया था. जिसमें पूर्व सांसद मधुकर कुकडे, सांसद सुनिल मेंढे, विधायकद्वय राजू कोरेमोरे एवं नरेंद्र भोंडेकर ने नई पटरी डालने का प्लान देने के पश्चात ही रेल पटरी हटाने की मांग रखी थी. सांसद मेंढे इस सबंध में रेल बोर्ड चेअरमन से पत्राचार करने का वादा किया था. इस अवसर पर सर्वदलीय समिति के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व सांसद मधुकर कुकडे का चयन किया गया था.

फिर अचानक काम शुरू

लोगों की मांग थी रेल पटरी उखाडने के पूर्व नागरिकों के मत को ध्यान में रखा जाना चाहिए. इसके लिए जन सुनवाई होनी चाहिए. लेकिन इसके बाद का पूरा घटनाक्रम के बारे में लोगों को सूचित नहीं किया गया और अचानक 2 दिसंबर, मंगलवार को रेल पटरी उखाडने का काम शुरू किया गया.

जन प्रतिनिधियों का मौन से गुस्सा

मंगलवार को जब पटरी उखाडने का काम शुरू हुआ. लोगों ने जन प्रतिनिधियों को फोन लगाए. विधायक भोंडेकर मुंबई एवं सांसद मेंढे गोंदिया में थे. भोंडेकर ने हालात की जानकारी लेकर काम रोकने की बात कही. लेकिन समाचार लिखे जाने के समय तक काम बदस्तुर जारी था. वहीं सांसद मेंढे से समाचार लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई थी. अन्य प्रतिनिधि एवं राजनीतिक दल के पदाधिकारी कार्यकर्ता भी मौन साधे हुए थे. इस मौन व्रत से लोगों में नाराज़गी है.

टाइमिंग पर सवाल

उल्लेखनीय है कि 1 दिसंबर को पदवीधर निर्वाचनक्षेत्र का चुनाव था. चुनाव में विदर्भ एवं विकास का मुद्दा हावी था. मतदान के दूसरे दिन ही पटरी उखाडने का काम शुरू करने के टाइमिंग पर सवाल उठाया जा रहा है. सूत्रों की माने तो इससे बवाल मच सकता था. इसलिए 2 दिसंबर से पटरी उखाडने का काम शुरू किया गया.