bjp bihar election

  • भाजपा शिक्षक आघाड़ी ने दी आंदोलन की चेतावनी

Loading

भंडारा (का). सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को आउटसोर्स करके केवल 5 हजार प्रति स्कूल भत्ता देने के फैसले से पूरे राज्य में शिक्षण कर्मचारियों में रोष है. ऐसे विरोधी एवं राज्य के हजारों युवाओं को बेरोजगार करने के फैसले को जल्द ही रद्द कर देना चाहिए. इस तरह की मांग भाजपा शिक्षक आघाड़ी की संयोजिका डा. कल्पना पांडे, सह संयोजक डा. उल्हास फड़के, अनिल शिवणकर ने की.

राज्य की सभी अनुदानित आंशिक रूप से अनुदानित माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए संशोधित आकारिकी लागू करने के बजाय, चपरासी भत्ता अब प्रति विद्यालय, चपरासी, नाइक, चौकीदार, रात्रि प्रहरी, सफाई कर्मी, तेलपति, कुली, परिचारक के रूप में शुरू किया गया है. चौकीदार, प्रयोगशाला परिचारक आदि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद नियमानुसार एवं सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त रहेगा.

निजी सहायता प्राप्त माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के बजाय, थोक में प्रति विद्यालय चपरासी भत्ता स्वीकार्य होगा. इस संबंध में, यह 11 दिसंबर 2020 के सरकारी निर्णय के प्रावधानों के अनुसार तय किया गया है. इस तरह चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थायी पदों की भर्ती को रोककर, महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्य के लगभग 52 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर अराजकता ला दी है. 

अब मुख्याध्यापक एवं शिक्षकों को यह काम करना होगा क्या ऐसा सवाल है क्योंकि कम मानदेय के लिए इन पदों पर कोई काम करने के लिए तैयार नहीं होगा. विद्यालय में चपरासी एवं प्रयोगशाला परिचर का पद महत्वपूर्ण है. इस कारण से इस तरह के एक विरोधी निर्णय को तुरंत रद्द कर दिया जाना चाहिए, अन्यथा पूरे राज्य में तीव्र आंदोलन होगा.

ऐसी चेतावनी भाजपा शिक्षक आघाड़ी के जिला संयोजक प्रदीप बिबटे, मेघशाम झंजाल, कैलाश कुरंजेकर, लिलेश्वर बोरकर, स्वरूप तारगे, अरूण रहांगडाले, गुरूदास कामडी, मनोहर बारस्कर, अरूण पारधी, रंजीव श्रीरामवार, सचिन कालबांडे, रजनीकांत बोंदरे, मोहन मोहिते, अनिल शिवणकर ने दी है.