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लाखांदूर (सं). गांव में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में नागरिकों के सहज कोविड परीक्षण में लगभग 21 मरीजों कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इसके बाद ग्रामीणों ने स्वयं ही आगे आकर पूरे गांव पर 14 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया. गांव को प्रतिबंधित करने का निर्णय लाखांदुर तहसीलदार प्रदीप शेवाले व स्थानीय पिंपलगांव में ग्रांप व अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में लिया गया.

युवक की मौत से दहशत

प्राप्त जानकारी के अनुसार, तहसील के पिंपलगांव में पिछले 3-4 दिन पहले कोरोना के कारण एक युवक की मृत्यु हो गई. उसकी मौत के बाद गावं में खलबली मच गई  और फिर इसके बाद ग्रामीणों ने स्वयं आगे आकर कोविड की जांच करायी . यह महामारी गांव में और न फैले इसलिये पूरे गांव को प्रतिबंधित कर दिया गया़ 

14 दिनों का प्रतिबंध

ग्रामवासियों की कोविड जांच तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डा. नलिनिकांत मेश्राम के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य शिविर के तहत की गई. इस जांच में गांव के लगभग 21 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इस कारण ग्रापं. समिति, विमुस समिति के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी व ग्रामीणों ने 14 दिनों के लिए गांव पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.

इस निर्णय के अनुसार आवश्यक सेवाओं को छोड़कर गांव में सभी प्रतिष्ठान व दूकानें 14 दिनों के लिए बंद रखी जाएंगी. इसके अलावा न तो गांव के बाहर कोई जायेगा और न ही कोई बाहरी व्यक्ति गांव में आएगा़ इस पूरी कार्रवाई के क्रियान्वयन के लिए तहसीलदार प्रदीप शेवाले के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया की यदि कोई प्रतिबंध के दौरान निर्णय का उल्लंघन करता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बैठक में तहसीलदार प्रदिप शेवाले, सरपंच शालू गहाने, उपसरपंच गोपाल परशुरामाकर, विमुस अध्यक्ष बालकृष्ण फुलबांधे, पुलिस पाटिल कृष्णा परशुरामकर, ग्रापं. सदस्य चोपराम परशुरामकर के साथ ही यहां के पटवारी, आशा स्वयंसेविकाएं व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.