एपिलेप्सी फाउंडेशन द्वारा मनाया गया ‘नेशनल एपिलेप्सी डे’, जानें कार्यक्रम की विशेष बातें

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मुंबई. बीते दिनांक 17 नवम्बर को मुंबई के लोटस हाउस में एपिलेप्सी फाउंडेशन द्वारा नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया गया। कोरोना महामारी के चलते यह जागरुकता कार्यक्रम हाइब्रिड (लाइन और वर्चुअल दोनों) था। इसमें लोटस हाउस में व्यक्तिगत रूप से मौजूद 20 और ऑनलाइन माध्यम से सम्पूर्ण भारत से लगभग 85 मरीजों ने भाग लिया था।

इस कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए डॉ. निर्मल सूर्या ने एपिलेप्सी फाउंडेशन द्वारा हर सोमवार होने वाले संगीत चिकित्सा और लॉकडाउन के दौरान दैनिक सेवाओं पर फर्क, मंगलवार को मुफ्त ओपीडी परामर्श, बुधवार को परामर्श, गुरुवार को फिजियो और व्यावसायिक चिकित्सा, शुक्रवार को संज्ञानात्मक चिकित्सा और शनिवार को योग जैसे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे मार्च 2020 से  म्यूज़िक थेरेपी से 73, फ़्री ओपीडी परामर्श से 598, काउंसलिंग से 189, फ़िज़ियो और ऑक्यूपेशनल थेरेपी द्वारा 259, संज्ञानात्मक प्रशिक्षण से 255 और योग से 498 मरीज लाभान्वित हुए। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, विश्व मस्तिष्क दिवस, स्वतंत्रता दिवस और  गांधी जयंती पर किए गए ऑनलाइन सत्र का भी विवरण दिया। 

इसके बाद प्रो. एम. एम. मेहंदीरत्ता, निदेशक, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली, द्वारा  मिर्गी और इस पर जरुरी जागरूकता की आवश्यकता के बारे में लोगों को संक्षिप्त जानकारी दी। इसके साथ वहां मौजूद प्रो. संगीता रावत, केईएम अस्पताल, मुंबई ने मिरगी की सर्जरी के लिए कम खर्च में अपनी देखरेख और उपचार की आवश्यकता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इसके साथ में प्रो. गगनदीप सिंह, सचिव, IAN ने पंजाब में मिर्गी की देखभाल के लिए ऐसे ही समान मॉडल को जल्द ही लागू करने की बात कही। बैठक में यूगांडा से विशेष अतिथि के रूप में रॉनी गिदोन और इंग्लैंड के प्रो. पार्थ रे और कई विशिष्ट जनों ने लॉकडाउन के दौरान अपने अनुभव साझा किये।

अंत में एपिलेप्सी फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री राकेश मेहता ने सभी को उनके समय और विश्वास के लिए आभार माना और धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि एपिलेप्सी फाउंडेशन, पीडब्ल्यूई की बेहतर देखभाल के लिए अपना प्रयास ऐसे ही आगे भी जारी रखेगा।