गोल्ड बॉन्डों में निवेशक होते मालामाल

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  • सोने की कीमतों में जोरदार तेजी का असर
  • 85% तक का जोरदार रिटर्न

मुंबई. पीली धातु सोने में जोरदार तेजी के चलते एनएसई में लिस्टेड सोवरेन गोल्ड बॉन्डों में भी निवेशक मालामाल हो रहे हैं. सोने की कीमतों के साथ-साथ गोल्ड बॉन्डों की वैल्यू भी बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा जारी इन बॉन्डों की वैल्यू पिछले एक साल ही 55 से 60% बढ़ चुकी है और कुल रिटर्न तो 85% तक पहुंच गया है. इस शानदार रिटर्न के अलावा सरकार इन सोवरेन गोल्ड बॉन्डों पर 2.5% का वार्षिक ब्याज भी देती है, जिसका भुगतान हर 6 महीनों में होता है.

सभी बॉन्ड के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर

एनएसई में लिस्टेड सभी गोल्ड बॉन्डों के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. मार्च 2024 में मैच्योर होने वाले गोल्ड बॉन्ड के दाम शुक्रवार को 5430 रुपए प्रति यूनिट पर पहुंच गए. जबकि सरकार ने इसे 2916 रुपए प्रति यूनिट पर जारी किया था. इन बॉन्ड में एक ग्राम गोल्ड की एक यूनिट होती है. अक्टूबर 2025 में मैच्योर होने वाले बॉन्ड के दाम भी 5500 रुपए प्रति यूनिट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. जबकि इसे 2906 रुपए पर बेचा गया था. इसी तरह अन्य सभी गोल्ड बॉन्डों के भाव 5350 रुपए से लेकर 5500 रुपए प्रति यूनिट की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. इनके भाव बाजार में गोल्ड की कीमतों के अनुरुप ही बढ़ते-घटते हैं. चूंकि इस समय गोल्ड मार्केट में तेजी का दौर चल रहा है. इसलिए इनमें फायदा हो रहा है.

सोने में निवेश का एक सबसे सुरक्षित तरीका

ज्वेलईमार्ट के सीईओ आदिश शाह ने कहा कि सरकार ने 5 साल पहले देश में लोगों को सोने में सीधे खरीद के लिए हतोत्साहित करने गोल्ड बॉन्ड जारी करना शुरू किया था. ताकि सोने के भारी आयात में कमी लाई जा सके. इसलिए सरकार इन बॉन्ड पर 2.5% ब्याज भी देती है. इस तरह यह सोने में निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका है. इनमें न्यूनतम एक ग्राम का निवेश किया जा सकता है. हालांकि इन बॉन्ड में 5 साल का लॉक इन पीरियड रहता है. यानी उससे पहले आप इन बॉन्ड को भुना नहीं सकते है. वैसे स्टॉक एक्सचेंज से इनकी खरीद होती है. ये बॉन्ड आपके डीमैट अकाउंट में रहते हैं. जिसके कारण आप अपने सोने को बैंक लॉकर में रखने या कहीं और सुरक्षित रखने की चिंता से मुक्त रहते हैं. 

निवेशकों की बढ़ती रूचि

भारतीय रिज़र्व बैंक पिछले पांच साल से समय-समय पर गोल्ड बॉन्ड निर्गम जारी कर रहा है. जैसे-जैसे इसके फायदों के प्रति जागरूकता आ रही है, वैसे-वैसे निवेशकों में इनके प्रति रूचि बढ़ती जा रही है. वर्ष 2015-16 में प्रथम बॉन्ड निर्गम में 1318 करोड़ रुपए का निवेश आया था. पिछले साल औसत 3777 रुपए प्रति यूनिट मूल्य पर  2316 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ. इस साल अब तक 4 निर्गम जारी कर सरकार 4717 रुपए औसत मूल्य पर 5112 करोड़ रुपए जुटा चुकी है. पांचवां निर्गम 5334 रुपए प्रति यूनिट यानी प्रति ग्राम मूल्य पर जारी किया गया है, जो शुक्रवार तक खुला था. आगे भी सरकार और बॉन्ड निर्गम जारी करेगी.

अब कीमतों में कुछ गिरावट संभव

रिलायंस सिक्युरिटीज के वरिष्ठ रिसर्च विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा कि निश्चित ही सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक सबसे सुरक्षित विकल्प है. इनका सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि मैच्योरिटी पर होने वाला पूंजी वृद्धि लाभ पूरी तरह टैक्स फ्री रहता है. इनकी वैल्यू सोने की कीमतों के अनुरुप ही घटती या बढ़ती है, लेकिन सोने में पिछले एक दशक से तेजी का रूख बना हुआ है और आगे भी तेजी का दौर जारी रहने की उम्मीद है. और अगले एक साल में सोना 2300 डाॅलर तक पहुंच सकता है, जो अब 2060 डॉलर प्रति औंस है. लेकिन हाल की बड़ी तेजी के बाद अब प्रॉफिट बुकिंग से हल्की गिरावट संभव है.