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मुंबई. सर्वोच्च न्यायालय को दिए गए हलफनामे में केन्द्र सरकार ने सूचित किया है कि रिजर्व बैंक (RBI) की ऋण स्थगन योजना (loan moratorium scheme) की अवधि के दौरान दो करोड़ रुपए तक के छोटे कर्जदारों को 6 महिनों (मार्च-अगस्त 2020) के लिए चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) और साधारण ब्याज का अंतर यानी ब्याज पर ब्याज (एक्स-ग्रेसिया) की माफी मिलेगी और यह आर्थिक बोझ केंद्र सरकार खुद वहन करेगी.

लोन मोरेटोरियम स्कीम लागू कर बैंकों ने अपने कर्जदारों पर जो ब्याज पर ब्याज लगाया था, वह रकम ऋणदाता बैंक 5 नवंबर तक सभी छोटे कर्जदारों के खातों में जमा कर देंगे. खातों में यह रकम जमा करने के बाद ऋणदाता केन्द्र सरकार से इस राशि के भुगतान का दावा करेंगे. इससे सरकार पर 7500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आने का अनुमान है. यह कोरोना महामारी के समय छोटे कर्जदारों के लिए बड़ी राहत है. अब हर कर्जदार के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि इस छूट का उसे कितना फायदा मिलेगा?

इन छोटे कर्जदारों को मिलेगा लाभ

सरकार की राहत योजना का लाभ लगभग सभी छोटे कर्जदारों को मिलेगा. होम लोन (Home Loan), ऑटो, पर्सलन, कंज्यूमर ड्यूरेबल, एजुकेशन लोन से लेकर एमएसएमई (MSME), प्रोफेशनल लोन और क्रेडिट कार्ड बकाया राशि तक, सभी कर्ज इस योजना में शामिल किए जाएंगे. इस योजना में वे सभी छोटे कर्जदार शामिल किए जाएंगे, जिनके ऊपर 29 फरवरी 2020 तक 2 करोड़ रुपए तक की कुल कर्ज राशि बकाया थी. यानी किसी ने होम, ऑटो, पर्सलन लोन या अन्य कई कर्ज अलग-अलग बैंक या वित्त संस्था से ले रखे हैं, लेकिन सभी की सम्मिलित बकाया राशि 29 फरवरी को 2 करोड़ रुपए से कम ही होनी चाहिए. तभी ब्याज माफी का लाभ मिलेगा अन्यथा नहीं. यह लाभ सभी को मिलेगा, चाहे किसी ने मोरेटोरियम लिया हो या नहीं.

..तो नहीं मिलेगा फायदा

यदि किसी ने कई लोन ले रखे हैं और सभी कर्जों की सम्मिलित राशि 29 फरवरी को 2 करोड़ रुपए से अधिक थी, तो उसे ब्याज माफी का फायदा नहीं मिलेगा. इसके अलावा उन्हीं कर्जदारों का लाभ मिलेगा, जो अपने किस्तों का समय पर भुगतान करते रहे हैं. जिन कर्जदारों के ब्याज या मूल राशि के भुगतान में 90 दिनों से ज्यादा की देरी हुई थी या खाता खाता एनपीए था, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

  

सभी ऋणदाता देंगे लाभ

राहत योजना के अंतर्गत सभी सरकारी बैंक, निजी बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के छोटे कर्जदार कवर होंगे. साथ ही राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान, गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा. यदि किसी ने माइक्रोफाइनेंस कंपनी से लोन ले रखा है तो वह माइक्रोफाइनेंस कंपनी रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त संगठन जैसे कि ‘एमफिन’ या ‘साधन’ की सदस्य होनी चाहिए, तभी इसका लाभ मिलेगा.

20 हजार के कर्ज पर 103 रुपए की राहत

इस राहत योजना का लाभ सरल शब्दों में समझते हैं. यदि किसी कर्जदार पर 29 फरवरी को 20,000 रुपए की कर्ज राशि बकाया थी और उसके कर्ज पर ब्याज दर 22% थी. और उसने अगस्त तक किस्त भुगतान नहीं किया तो इस 6 महिनों (मार्च-अगस्त) के लिए उस पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलाकर कुल बकाया 22,303 रुपए हो गया. यानी चक्रवृद्धि ब्याज राशि 2303 रुपए हुई. जबकि साधारण ब्याज की गणना करने पर यह राशि 2200 रुपए होती है. इस तरह चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज का अंतर 103 रुपए होता है और सरकार यह 103 रुपए का अंतर खुद वहन कर राहत दे रही है.