Market Committee to be the center of farmers' development - Legislative Jorgewar rendering
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (Delhi-Haryana Border) पर डेट हुए है. एक और किसान सिंघु और टिकरी (Singhu And Tikri) बॉर्डर पर पिछले पांच दिन से विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Prize) पर पूरे देश में धान की खरीद शुरू है. सोमवार को कृषि मंत्रालय (Ministry Of Agriculture) द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) समेत पूरे देश में 316.93 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. 

पिछले वर्ष से 19 प्रतिशत ज्यादा खरीद

मंत्रालय द्वारा जारी किए आकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान खरीदी में 19  प्रतिशत की ज्यादा वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष जहां 267.22 लाख एमटी धान की खरीद की गई थी, वहीं अभी तक 316.93 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदा जा चुका है. 

64 प्रतिशत अकेले पंजाब से 

कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब के किसान कर रहे हैं. 316.93 मेसे  202.74 लाख एमटी अकेले पंजाब से की गई, जो कुल खरीद का 64 प्रतिशत होता है. पंजाब के अलावा हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, यूपी, तमिलनाडु,ओडिशा, महाराष्ट्, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़, गुजरात और केरल के किसानों से भी एमएसपी पर धान की खरीद की गई है. केंद्र सरकार ने धान की खरीद के लिए 2,953,000 लाख किसानों को 59,837.31 करोड़ रुपये मूल्य का भुगतान कर चुकी है.

अन्य फसलों की भी खरीदी

एमएसपी पर धान के साथ साथ अन्य फसलों को भी ख़रीदा जा रहा है. अपनी नोडल एजेंसियों के जरिए सरकार ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा से 29 नवंबर तक 540.92 करोड़ रुपये मूल्य की 1,00,429.81 एमटी मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद की है. इससे कुल 57,956 किसानों को सीधे फायदा मिला है. इसी तरह कर्नाटक और तमिलनाडु के 3,961 किसानों से 52.40 करोड़ रुपये मूल्य का 5,089 एमटी कोपरा भी खरीद गया है.