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    नई दिल्ली : पूंजीगत व्यय ने निजी निवेश को बढ़ाना शुरू कर दिया है और चालू वित्त वर्ष के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये का बजट लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह अनुमान लगाया गया है। समीक्षा में कहा गया है कि केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2022-23 के पहले आठ माह में 63.4 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है।

    यह देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला एक और प्रमुख कारक रहा है। समीक्षा के अनुसार, ‘मौजूदा रुझान से प्रतीत होता है कि पूरे साल के लिए पूंजीगत व्यय का बजट लक्ष्य हासिल हो जाएगा।’ इसके अनुसार, कंपनियों के बही-खाते के मजबूत होने के साथ उनकी कर्ज लेने की क्षमता बढ़ी है। 

    वित्त मंत्री ने महामारी में प्रभावित अर्थव्यवस्था को सार्वजनिक निवेश से उबारना जारी रखने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत निवेश 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। पिछले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय 5.5 लाख करोड़ रुपये था। 

    सरकार ने कोरोना महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि की प्रगति के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया है। उम्मीद है कि सार्वजनिक खर्च बढ़ने से निजी निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।