Microsoft, google
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नवभारत डेस्क : कुछ साल पहले आम तौर पर देखा जाता है कि सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और गूगल (Google) जैसी कंपनियों में काम (Job) करने के लिए नौयुवकों में होड़ लगी रहती थी। कंप्यूटर साइंस की फील्ड में आने वाले लोगों के लिए ये दोनों कंपनियां काफी बेहतरीन अवसर दिया करती थीं, जिससे उनकी मार्केट में काफी डिमांड थी। लेकिन धीरे-धीरे इनकी साख गिरने लगी है। इन कंपनियों में छटनी, खराब प्रबंधन और ड्यूटी के लंबे कामकाज वाले घंटे की वजह से कर्मचारी काफी नाखुश हैं। ऐसी स्थिति में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों का ग्राफ गिरने लगा है।

Microsoft
माइक्रोसॉफ्ट

2024 में 200 कंपनियों की ग्लासडोर सूची में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की रैंकिंग में काफी गिरावट आई है। गूगल की रैंकिंग 8 से घटकर 26 नंबर पर आ गई है, जबकि माइक्रोसॉफ्ट की रैंकिंग 13 से गिरकर 18 पर चली गई है। इतना ही नहीं मेटा, ज़िलो व जूम जैसी कंपनियां लगातार दूसरे वर्ष रैंकिंग सूची में अपना स्थान नहीं बना पायी हैं। रैंकिंग सूची में आमतौर पर 1000 या इससे अधिक कर्मचारी वाली यूके और यूएसए की कंपनियां शामिल होती हैं। रैंकिंग का निर्णय इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के फीडबैक के आधार पर किया जाता है।

गेन्साइट और बॉक्स जैसी अन्य कंपनियों ने बीते साल रैंकिंग में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन इस बार वे कंपनियां बाहर हो गई हैं। पिछले साल के आंकड़ों को देखा जाए तो 41 टेक कंपनियां इस सूची में शामिल हुई थीं, लेकिन इस साल सिर्फ 31 ही ऐसा करने में सफल हो पाई हैं।

आंकड़ों की माने तो पिछले साल टेक कंपनियों ने 2 लाख 60 हजारह से अधिक कर्मचारियों की छुट्टी की थी। 2024 में पहले 9 दिनों में ही 2000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

गूगल

ग्लासडोर की समीक्षा के अनुसार छटनी, हर दिन लंबे समय तक ड्यूटी लेने और खराब प्रबंधन के कारण गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, ज़िलो व जूम जैसी कंपनियों की रैंकिंग गिरी है।

लेकिन पिछले साल रैंकिंग सूची से गायब रहने वाले के बाद एप्पल ने इस सूची में 39वां स्थान पाया है। अगर आप टॉप टेन कंपनियों को देखेंगे तो उनमें ये कंपनियां शामिल हैं…