Tejas Gutka

  • बिल्डिंग मैटेरियल कंपनियों में ग्रोथ अधिक

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मुंबई: देश के सबसे प्रतिष्ठित उद्योग समूह टाटा ग्रुप (Tata Group) द्वारा 1994 में स्थापित टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) भारत के पुराने साझा कोषों में से एक है, जो पिछले 28 वर्षों में लाखों निवेशकों (Investors) को बेहतरीन रिटर्न प्रदान कर उनकी वेल्थ बना चुका है। इसी वजह से आज देश भर में टाटा म्यूचुअल फंड पर 25 लाख से अधिक निवेशकों का भरोसा है। हाउसिंग सेक्टर और संबंधित उद्योग क्षेत्रों में तेज होती ग्रोथ का लाभ उठाने के लिए फंड हाउस ने नई ओपन-एंडेड योजना ‘टाटा हाउसिंग अपॉर्चुनिटीज फंड’ (Tata Housing Opportunities Fund) लॉन्च की है। 

हाउसिंग सेक्टर, मार्केट आउटलुक और टाटा म्यूचुअल की निवेश रणनीति के संबंध में टाटा म्यूचुअल के फंड मैनेजर तेजस गुटका (Tejas Gutka) की वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज से विस्तृत चर्चा हुई।  पूंजी बाजार में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले तेजस गुटका देश के एक सफल फंड मैनेजर माने जाते हैं। पेश हैं उनसे हुई चर्चा के मुख्य अंश:-

  • विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में 9 महीनों तक लगातार बिकवाली करने के बाद ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद अब फिर लिवाल बन गए हैं। इस बारे में आपका क्या मत है?

विदेशी निवेशकों की बिकवाली का मुख्य कारण बढ़ती महंगाई दर की वजह से यूएस बॉन्ड यील्ड में वृद्धि होना है, जो 3.45% की ऊंचाई पर पहुंच गयी थी, लेकिन अब गिरकर 2.60 से 2.70% पर आ गयी हैं। अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का मानना है कि महंगाई दर में अब कमी आएगी, जिससे ब्याज दरें अनुमान से कम बढ़ेंगी। इस वजह से ग्लोबल स्तर पर इक्विटी बाजारों में सेंटीमेंट पॉजिटिव हुआ है और भारत में भी विदेशी निवेशकों का निवेश फिर बढ़ता दिख रहा है। लेकिन हाल की तेजी के बाद इंडियन मार्केट का वैल्यूएशन अन्य ईमर्जिंग मार्केट की तुलना में थोड़ा अधिक हो गया है, इसलिए निकट भविष्य में अन्य मार्केट की तुलना में इंडिया में विदेशी निवेशकों का निवेश कम रह सकता है।

  • पिछले दिनों आई तेजी के बाद मार्केट का क्या आउटलुक दिख रहा है?

देखिए, इंडिया के लिए ग्रोथ चैलेंज ज्यादा नहीं दिख रहे हैं। मानसून भी अच्छा है। इकोनॉमी में डिमांड और ग्रोथ हो रही है। महंगाई दर भी घटने लगी है। इस तरह डोमेस्टिक फैक्टर पॉजिटिव है। कार्पोरेट इंडिया के रिजल्ट भी जितना डर था, उतने खराब नहीं है और दूसरी छमाही में रिजल्ट अच्छे रहने की उम्मीद है। लेकिन जैसा मैंने पहले कहा कि इंडियन मार्केट की वैल्यूएशन ज्यादा हो गयी है। इसलिए फिलहाल ज्यादा तेजी की उम्मीद कम है। सिंगल डिजिट रिटर्न की अपेक्षा है।      

  • आपने टाटा हाउसिंग अपॉर्चुनिटीज फंड लॉन्च किया है, आपको हाउसिंग सेक्टर में क्या ग्रोथ संभावनाएं दिख रही है?

हाउसिंग सेक्टर में 8-10 साल डाउनट्रेंड के बाद पिछले एक साल से एक नया अपट्रेंड देखा जा रहा है। ‘रेरा’ आने से सेक्टर ऑर्गेनाइज्ड हुआ है और नया बूस्ट मिला है। इकोनॉमी में रिवाइल के साथ डिमांड बढ़ने से हाउसिंग इन्वेंट्री कम हो गयी है। कई वर्षों तक प्रॉपर्टी कीमतें लगभग स्थिर रहने से अफोर्डेबलिटी में सुधार हुआ। ब्याज दरें भी काफी निचले स्तरों पर हैं। कुल मिलाकर मांग बढ़ने से हाउसिंग सेक्टर में एक नया बूम यानी तेजी का नया दौर शुरू हुआ है। इसलिए हमने इस सेक्टर की ग्रोथ का लाभ उठाने के लिए टाटा हाउसिंग अपॉर्चुनिटीज फंड लॉन्च किया है, जो निवेश के लिए 16 अगस्त से 29 अगस्त तक खुला रहेगा।

  • अन्य फंड हाउस की भी हाउसिंग सेक्टर पर आधारित स्कीम हैं। ऐसे में टाटा हाउसिंग अपॉर्चुनिटीज फंड उनसे अलग कैसे है?

टाटा हाउसिंग अपॉर्चुनिटीज फंड में हम एक ऐसा अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाएंगे, जो लार्ज, मिड और स्मालकैप यानी मल्टीकैप फ्लेवर के साथ लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न हासिल करने की क्षमता रखता हो। अन्य फंड हाउस बेंचमार्क निफ्टी हाउसिंग इंडेक्स (टीआरआई) में शामिल कंपनियों में ही अधिक निवेश करते हैं, लेकिन हमारा इस इंडेक्स से अलग पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा हम केवल रियल्टी कंपनियों की बजाय सीमेंट, पेंट, पाइप, इलेक्ट्रिकल्स, प्लाईवुड, प्लंबिंग, बाथवेयर जैसी बिल्डिंग मैटेरियल कंपनियों में अधिक निवेश करेंगे। जिन्हें हाउसिंग में तेजी का लाभ अधिक मिल रहा है और इन क्षेत्रों में स्थापित ब्रांडेड प्लेयर हैं, जिनमें ग्रोथ अधिक और जोखिम कम है। ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो इनके पोर्टफोलियो में इंडेक्स से अधिक रिटर्न मिला है।

  • टाटा म्यूचुअल फंड किस तरह की निवेश रणनीति अपना रहा है?

हमारी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी ‘ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस’ की है। यानी हाई ग्रोथ के साथ फेयर वैल्यू भी देखते हैं। हम हर इक्विटी स्कीम में हाई ग्रोथ वाली क्वालिटी कंपनियों में ही निवेश करते हैं, लेकिन रिस्क कम रखने के लिए वैल्यूएशन पर भी पूरा ध्यान देते हैं। इसी कारण विगत वर्षों में जब भी मार्केट में गिरावट आई है, हमारी ज्यादात्तर स्कीमों ने मार्केट से बेहतर प्रदर्शन किया है और तेजी में भी अधिक रिटर्न दिया है।