एटेरो lithium-ion बैटरी रीसाइक्लिंग के विस्तार के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

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    नई दिल्ली: एटेरो रीसाइक्लिंग (Attero Recycling) ने घोषणा की है कि, वह अगले नौ महीनों में लिथियम-आयन (Lithium-ion) रीसाइक्लिंग में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसका उपयोग कंपनी की रीसाइक्लिंग क्षमता को अपनी मौजूदा क्षमता प्रति वर्ष 1,000 मीट्रिक टन से 11 गुना बढ़ाकर 11,000 मीट्रिक टन करने के लिए किया जाएगा। इसके माध्यम से, एटेरो रीसाइक्लिंग ने अक्टूबर 2022 तक कुल संभावित पोटेंशियल मार्केट के 22 प्रतिशत पर कब्जा करने की उम्मीद की है। 

    एटेरो रीसाइक्लिंग ने विभिन्न कार निर्माताओं और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के साथ एंड ऑफ लाइफ बैटरियों के संग्रह और उन्हें एक स्थायी तरीके से रीसाइक्लिंग के लिए पार्टनरशिप की है। कंपनी के पास वर्तमान में ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक ओईएम की 90 प्रतिशत मार्केट हिस्सेदारी है। EV के एको-सिस्टम को मजबूत करते हुए, एटेरो रीसाइक्लिंग ने MG मोटर्स की ZS EV इकाइयों में लगे li-ion बैटरियों को रीयूज़ और रीसायकल करने के लिए MG मोटर्स के साथ पार्टनरशिप भी की है।

    अटेरो रीसाइक्लिंग के सीईओ और सह-संस्थापक नितिन गुप्ता कहते हैं, “हमारे देश के सस्टेनेबल डेवलपमेंट को सुनिश्चित करने के लिए li-ion बैटरी की रीसाइक्लिंग समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। lithium-ion बैटरी के मूल्य का लगभग 30% कोबाल्ट और लिथियम जैसी धातुओं से आता है और भारत के पास कोबाल्ट या लिथियम का कोई भंडार नहीं है। यह सुनिश्चित करके कि देश में रीसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो सके और भारत की वर्तमान स्थानीय मांग को पूरा कर सके, हम भारत को बैटरी सामग्री में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। ”

    एटेरो रीसाइक्लिंग उस तकनीक का उपयोग करता है जिसे नासा ने शुद्ध सोना, चांदी, तांबा, एल्यूमीनियम और पैलेडियम निकालने के लिए मंजूरी दी थी, जिसे बाद में उसे बाजार में वापस बेच दिया जाता है। कंपनी पहले से ही सेल फोन से लेकर इलेक्ट्रिक बस तक सभी प्रकार की lithium-ion बैटरियों की रीसाइक्लिंग कर रही है, जिनका वजन 30 ग्राम से लेकर 780 किलोग्राम तक है, जो lithium-ion बैटरी से कोबाल्ट, लिथियम निकालने के लिए सर्कुलर अर्थव्यवस्था को पूरा करना सुनिश्चित करता है।

    एटेरो रीसाइक्लिंग भी फ्रैंचाइज़ी रूट के माध्यम से अपनी ई-कचरा क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में है। अपने भविष्य के रोडमैप के एक हिस्से के रूप में, एटरो 2022 के अंत तक 14 अन्य स्थानों पर ई-कचरे की रीसाइक्लिंग के लिए प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया में है। ये प्लांट रणनीतिक रूप से पूरे देश में स्थित होंगे और एटेरो रीसाइक्लिंग को इसकी क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे। जिससे एटेरो रीसाइक्लिंग की ई-कचरा प्रबंधन क्षमता 3 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक बढ़ेगी।