steel

  • एक माह में ही चौथी मूल्य वृद्धि
  • 30 ‍वर्षों की सबसे बड़ी तेजी
  • छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान

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मुंबई. विगत 6 महीनों में स्टील कंपनियों (Steel Compnies) द्वारा 45% से अधिक की भारी मूल्य वृद्धि पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के ऐतराज जताए जाने के बावजूद कीमतें (Prices) कम नहीं हो रही है. उल्टे कंपनियां लगातार कीमतें बढ़ा रही है. 

सोमवार को स्टील कंपनियों (Steel Compnies) ने अपने उत्पाद 1500 से 2500 रुपए प्रति टन महंगे कर दिए. यह दिसंबर में लगातार चौथी मूल्य वृद्धि है और जुलाई से लेकर अब तक 8वीं बढ़ोत्तरी है. अब तक स्टील 45 से 50% तक महंगा हो गया है. बढ़ते भावों पर मांग घट रही है और छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है, जबकि कंपनियां और बड़े व्यापारी मिलकर भारी मुनाफा बटोर रहे हैं.

भारतीय बाजार में ज्यादा तेजी

व्यापारियों का कहना है कि सभी स्टील कंपनियों ने ग्लोबल मार्केट (Global Market) में तेजी को देख यहां भी कीमतें बढ़ा दी हैं. चाइना (China) में एचआरसी स्टील (HRC Steel) की कीमत विगत 10 साल की ऊंचाई 638 डॉलर पर पहुंच गई है, जो जुलाई 2020 में 460 डॉलर पर थीं. इस तरह ग्लोबल मार्केट में विगत 6 महिनों में कीमतें 38% बढ़ी हैं, लेकिन भारतीय बाजार में इससे ज्यादा 50% तक बढ़ा दी गई है. सोमवार को जिंदल, सेल, जेएसडब्ल्यू, टाटा, एएम एनएस, भगवती सहित सभी बड़ी-छोटी कंपनियों ने मूल्य वृद्धि की.

50% महंगा हुआ टीएमटी बार

मुंबई में अब टीएमटी बार (TMT Bars) 50% महंगा हो गया हैं. बड़ी कंपनियों के टीएमटी बार्स अब 68,000 से 70,000 रुपए प्रति टन (18% GST सहित) बोले जा रहे हैं. जबकि छोटी कंपनियों के टीएमटी बार 57,000 रुपए हो गए हैं. कुल बिक्री में सबसे ज्यादा 50% से अधिक हिस्सा लोहे के सरियों यानी टीएमटी बार्स का होता है. यह भवन निर्माण में‍ सबसे ज्यादा उपयोग होते हैं. एचआर कॉयल (HR Coil) के दाम बढ़कर 65,000 रुपए प्रति टन हो गए हैं. जबकि एमएस एंगल्स (MS Angles) के दाम बढ़ाकर 53,000 रुपए प्रति टन (18% जीएसटी सहित) कर दिए गए हैं.

 मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाए सरकार

व्यापारियों का कहना है कि स्टील कंपनियां कार्टेल बनाकर मुनाफाखोरी कर रही हैं. वे कृत्रिम शॉर्टेज पैदा कर कीमतें बढ़ा रही हैं, जबकि मांग उतनी नहीं है. ओम स्टील के संचालक और वरिष्ठ व्यवसायी मनोज अग्रवाल ने कहा कि पिछले 30 ‍वर्षों में स्टील बाजार में कभी इतनी बड़ी तेजी (50% तक) नहीं आई है. कंपनियां इतनी जल्दी-जल्दी दाम बढ़ा रही है. जो पूरी तरह अनुचित है. इससे छोटे व्यापारी भारी नुकसान में आ रहे हैं. क्योंकि हम अपने ग्राहकों से पहले के भाव पर बिक्री के सौदे करते हैं, लेकिन आपूर्ति के समय कंपनियां बढ़ी हुई कीमतों पर माल देती हैं, नतीजन हम छोटे व्यापारियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है. सरकार को तुरंत इस मामले में ठोस कदम उठाकर कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाना चाहिए. अन्यथा छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे. स्टील महंगा होने से बिल्डर और ठेकेदार भी परेशान हैं क्योंकि उनकी लागत बढ़ रही है.