उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के CEO पद से दिया इस्तीफा, 4 दशक बाद लिया संन्यास

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नई दिल्ली: उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी।  बैंक ने बताया है कि उदय कोटक का इस्तीफा 1 सितंबर से ही प्रभावी हो गया है। बैंक ने साथ ही बताया कि संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता 31 दिसंबर तक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की जिम्मेदारी निभाएंगे।

शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ”बैंक की आज हुई बोर्ड बैठक में उदय कोटक के इस्तीफे पर विचार किया गया और वह एक सितंबर 2023 से बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ नहीं रहे। वह अब बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं।”

उदय कोटक ने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने इस्तीफे के बारें में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘कोटक महिंद्रा बैंक में सक्सेशन मेरे दिमाग में सबसे ऊपर चल रहा था।  साल के अंत तक चेयरमैन, मुझे और ज्वाइंट एमडी तीनों को पद से हटने की जरूरत थी।  मैं चाहता रहा हूं कि हम तीनों के हटने के बाद नए लोगों को जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए।  इसे ध्यान में रखते हुए मैंने प्रक्रिया की शुरुआत की है और स्वेच्छा से सीईओ पद छोड़ रहा हूं।’ 

कोटक ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि बैंक प्रस्तावित उत्तराधिकारी के लिए आरबीआई की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। अंतरिम में मेरे प्रिय सहयोगी दीपक गुप्ता – वर्तमान में संयुक्त एमडी, अनुमोदन के अधीन एमडी और सीईओ के रूप में कार्य करेंगे।

कोटक ने अपने पोस्ट में कहा कि संस्थापक के रूप में, मैं ब्रांड कोटक से गहराई से जुड़ा हुआ हूं और गैर-कार्यकारी निदेशक और महत्वपूर्ण शेयरधारक के रूप में संस्थान की सेवा करना जारी रखूंगा। विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास एक उत्कृष्ट प्रबंधन टीम है। संस्थापक चले जाते हैं, लेकिन संस्था निरंतर फलती-फूलती रहती है।

3 कर्मचारियों के साथ की थी कोटक महिंद्रा की शुरुआत 

उन्होंने कोटक की शुरुवात के बारें में भी लिखा। उन्होंने पोस्ट में कहा कि बहुत समय पहले, मैंने जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स जैसे नामों को वित्तीय दुनिया पर हावी होते देखा था और भारत में ऐसी संस्था बनाने का सपना देखा था। इसी सपने के साथ मैंने 38 साल पहले फोर्ट, मुंबई में 300 वर्गफुट के कार्यालय में 3 कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी। मैंने अपने सपने को जीते हुए, इस यादगार यात्रा के हर हिस्से को गहराई से संजोया है।

10 हजार लगाने वालों को कराई 300 करोड़ की कमाई

कोटक ने आगे कहा कि अब हम एक प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थान हैं, जो विश्वास और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों पर बनाया गया है। हमने अपने हितधारकों के लिए मूल्य बनाया है और 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां प्रदान की हैं। 1985 में हमारे साथ 10,000 का निवेश आज लगभग 300 करोड़ का होगा।

उदय कोटक ने यह भी कहा कि मुझे विश्वास है कि यह भारतीय स्वामित्व वाली संस्था भारत को एक सामाजिक और आर्थिक महाशक्ति में बदलने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।