Anupam Kher: A man who teaches people to laugh and live in the difficult conditions of Corona!

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मुंबई. कलाकार वही  महान है जो अपनी कलाकारी से मुश्किल वक़्त में अपने चाहने वालों का मनोरंजन करता हो और जो अपने ऊपर मजाक भी बना लेता हो और उन पर  हँसता भी हो। कुछ ऐसा ही है अनुपम खेर के साथ, अनुपम जहाँ कोरोना संक्रमण के ऐसे मुश्किल समय में लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं वही वो अपने अदाकारी से बातों ही बातों में अपने फैन्स को जीवन की कुछ सीख भी दे रहे हैं ।

हाल हैं में अनुपम जी का  एक विडियो इंस्टाग्राम में खूब पसंद किया जा रहा है। इस विडियो में वे अपने डबल रोल बिट्टू के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। ये बिट्टू उनका आइना है जो हमेशा उन्हें उनका शानदार अतीत बताता रहता है। यह उनका दोस्त भी है जो उनसे लड़ता भी है और उनका मजाक भी बनता है।

 
 
 
 
 
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35 years of his life Anupam has worked with one motto everyday. To be the ultimate entertainer. Striving to deliver the most memorable performances. He pretends to be upset but beams with pride when he’s asked to enact his famous dialogue #thappadkigoonj 😎😎 But when Bittu narrates his poem, Anupam is left speechless. In these tough times when Anupam provides entertainment, Bittu tries to touch lives and gives hope 😊☺️🌞. Both are important! Here’s Anupam’s hurricane mixed with Bittu’s sunshine. 🤓Presenting another one from the series #WhenBittuMeetsAnupam #Episode5 ! कैसा लगा?😎🤓😍🤗 #thappadkigoonj #LockdownCreativity #BothOfThemAreMe #ActingClass

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ऐसी ही एक तस्वीर में वे और उनके भाई खडें हैं जिसमे उन पर मजाक करते हुए कहा गया है कि कैसे इस कोरोना काल में रविवार और सोमवार एक से दिखते हैं। इस पर भी अनुपम जी हँसे बिना नहीं रहते बल्कि इस हास परिहास में उन्होंने बताया कि इस तस्वीर को उनके  पिता के निधन के बाद उनकी प्रार्थना सभा में लिया गया था,वह भी 8 साल पहले। उन्होंने यह सन्देश भी दिया कि कैसे त्रासदी किसी दिन हास्य में भी बदल सकती है। 

अपनी एक तस्वीर में अनुपम खेर लॉक डाउन को धन्यवाद दे रहे हैं जिसके चलते 37 साल के बाद वह अपनी दाढ़ी बढ़ा सके हैं। वहीं उन्होंने एक और तस्वीर का जिक्र किया जिसमे उन्होंने मुजफ्फर अली की  भी बात की और बताया कि  कैसे उन्होंने काफी अर्सा पहले एक छोटी सी एक घंटे की फ़िल्म बनाई थी  जिसका नाम था लैला मजनू। उसमे उन्होंने मजनू का किरदार किया था जिसके लिए उन्हें  5000 रुपये मिले थे जो उस वक्त पांच लाख के बराबर थे। इसके लिए उन्होंने मुजफ्फर अली का शुक्रिया भी अदा किया । 

 
 
 
 
 
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“The face is a picture of the mind with the eyes as it’s interpreter.” Thanks to the #Lockdown I could grow my beard after 37years. 🙂

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From the archives of my collection of pics this gem popped up. Muzaffar Ali Saab Made a one hour film called #LailaMajnu. And yours truly played Majnu. हँसो हँसो। दिल खोल के हँसो। मैं भी हंस रहा हूँ। 🤣😂🤣 1983 में इस रोल के लिए 5000 रुपये मिले थे।जो उस वक्त पाँच लाख के बराबर थे। शुक्रिया मुज़फ़्फ़र साब। बहुत दिनो तक गुज़ारा हुआ उन पैसों से। 🙏🙏😍 #nostalgia #survival #trivia #lailamajnu @muzaffar.ali.kotwara

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इस प्रकार यह कलाकार किस तरह कोरोना के इस मुश्किल हालत में कैसे लोगों को जीना सिखा रहा है यह भी देखने योग्य है। अनुपम जी आप हँसते रहिये और हंसाते भी रहिये, पर रुकियेगा नहीं क्योंकि फिल्म अभी बाकी है।