tiger

  • बाघ को पकड़ने लगाये 2 पिंजरे
  • पिंजरे में बारी बारी से 16 वनपाल, वनरक्षक और वनमजदूर बैठेंगे
  • मुख्य पिंजरे के दरवाजे में बंधी रस्सी पिंजरे में बैठे वनकर्मियों के हाथ

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राजुरा. राजुरा और विरुर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत अब तक 8 लोगों को अपना निवाला बना चुके आर. टी. 1 बाघ को पकडने के लिए वनविभाग भरसक प्रयास कर रहा है किंतु बाघ लगातार चकमा दे रहा है। अब बाघ को पिंजरे में कैद करने वनविभाग ने नई योजना के तहत दो पिंजरे लगाये है एक पिंजरे में 16 वनपाल, वनरक्षक और वनमजदूर बारी बारी से बैठेंगे उनके हाथों में दूसरे पिंजरे की रस्सी होगी और जैसे ही बाघ दूसरे पिंजरे में शिकार करने प्रवेश करेगा रस्सी खींचकर उसे पिंजरे में कैद कर लिया जाएगा। इसमें दूसरे पिंजरे में बैठने वालों को किसी प्रकार का खतरा न होने का दावा वनविभाग ने किया है। किंतु दूसरे पिंजरे में बैठने वालों के परिजनों में चिंता बनी है।

राजुरा तहसील में दहशत मचा रखे आर.टी. 1 बाघ ने अब तक 8 लोगों का निवाला बनाया है। वनविभाग दिन रात बाघ पर नजर बनाये है किंतु हर बार बाघ चकमा दे रहा है। बाघ को पकडने के लिए वनविभाग ने पिंजरे में जानवर भी बांधा किंतु अब तक बाघ पिंजरे में नहीं आया है। दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों ने आदमखोर बाघ को शूट करने की मांग को लेकर वनविभाग कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया इसके चलते वनविभाग पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। बढते दबाव के चलते वनविभाग ने अब योजना अपनायी है और जंगल में दो पिंजरे लगाये है जिसमें बारी बारी से 16 वनपाल, वनरक्षक और वनमजदूर बैठेंगे जो दूसरे पिंजरे की रस्सी पकडे रहेंगे और जैसे ही बाघ मुख्य पिंजरे में आया रस्सी खींचकर पिंजरे का दरवाजा बंद कर देंगे जिससे बाघ पिंजरे में कैद हो जाएगा। दूसरे पिंजरे में बैठने वालों की सुरक्षा की दृष्टि से पिंजरे में जाली भी बांधी गई है जिससे पिंजरे में बैठे वनकर्मचारियों  को किसी प्रकार का खतरा न होने का दावा वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है।

वनविभाग के अनुसार  81 कैमरा ट्रैप्स को ग्रिड में विभाजित वन क्षेत्र में स्थापित किया गया है और उन्हें दिन में दो बार जांचा जाता है। कुल 40 पगमार्क इंप्रेशन पैड (पीआईपी) बाघ के ज्ञात ट्रेल्स के साथ तैयार किए गए हैं और इसके मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए उनकी लगातार निगरानी की जाती है।

टीएटीआर और नागपुर से एक-एक, दो शिकार दल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 25 एसटीपीएफ कर्मियों को ताडोबा से तैनात किया गया है और इन कमांडो को पांच टीमों में विभाजित किया गया है और स्थानीय गाइडों द्वारा जंगल की खोज करने और  बाघ के स्थान को ट्रैक करने में मदद की है। इस प्रकार कुल 200 से अधिक लोग जंगल की खाक छान रहे है। चंद्रपुर की रैपिड रिस्पांस यूनिट की अतिरिक्त शिकार टीम जल्द ही ऑपरेशन में शामिल होने की संभावना है। 

जल्द मिलेगी बाघ को पिंजरे में कैद करने की सूचना- गलगट

वहीं राजुरा के आरएफओ विदेशकुमार गलगट ने दावा किया है जल्द ही बाघ को पिंजरे में कैद करने की सूचना मिलेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बाघ ने राजुरा से 10 किमी दूरी पर स्थित विहिरगांव जंगल के पास एक बडे चीतल का शिकार किया था। संभावना है कि बाघ उस चीतल का मांस खाकर फिलहाल आराम कर रहा है इसलिए कुछ दिनों से उनकी हलचल कैमरे में नहीं आई थी। किंतु अब जल्द ही उसे पिंजरे में कैद करने में सफलता मिलेगी।

बाघ के हमले में अब तक मरने वाले

दि.                                      नाम                           गांव

 

19 जनवरी 2019                  वर्षा तोडासे                    खांबाडा

 

25 नवंबर 2019                  श्रीहरी सालवे                      मूर्ति

 

25 दिसंबर 2019                 महेश खोपडे                         राजुरा

 

4 जनवरी 2020                 संतोष खामनकर               काविठपेठ

 

6 मार्च  2020                      मारुती टेकाम                     चुनाला

 

18 अगस्त 2020                वासुदेव कोंडेकर                  नवेगांव

 

26 दिसंबर 2020                गोंविदा मडावी                    नवेगांव

 

5 अक्टूबर    2020               मारोती पेंदोर                      खांबाडा

 राजुरा तहसील में बाघ  का आंतक जारी

राजुरा तहसील के गोवरी के पास एक नाले पर चर रहे गाय के झुंड पर  बाघ ने हमला कर दिया जिसमें एक गाय घायल हो गई और 6 बाघ के डर से कही भाग गई है।

तहसील के मानोली निवासी रमेश महादेव अडवे 16 अक्टूबर को अपनी 7 गायों को चराने के लिए गोवरी के समीप नाले के पास ले गया था। वहा दबिश देकर बैठे बाघ ने गाय के झुंड पर हमला कर दिया। बाघ ने एक गाय पर अटैक किया किंतु वह किसी प्रकार अपनी जान बचाने में  कामयाब रही। वहीं अन्य 6 गाय इधर उधर भाग गई। उन 6 गायों का अब तक पता नहीं चल सका है। रमेश ने कुछ ग्रामीणों के साथ गायों की तलाश शुरु की है। इसकी सूचना वनविभाग को दी है।