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चंद्रपुर. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगने के बाद से बाघों के लिए विख्यात ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प में पर्यटन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. मुख्य वन्यजीव रक्षक तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक महाराष्ट्र राज्य के निर्देश पर 1 जुलाई से व्याघ्र प्रकल्प के बफर क्षेत्र में पर्यटन शुरू किया जा रहा है.  इस बार सफारी के लिए बेहद कड़े नियम लगाये गए हैं.

ऑन स्पॉट बुकिंग होगी
बफर के कुल 6 प्रवेशद्वारों से प्रत्येक गेट से 6 के तहत हर फेरी में 36 वाहनों को छोड़ा जाएगा. इसके लिए पहले आओ पहले पाओ की नीति के तहत ऑन स्पॉट बुकिंग होगी. बफर जोन में सफारी का समय सुबह 6.30  से 10 बजे और दोपहर में 2 बजे से 5.30 बजे तक रखा गया है. प्रत्येक फेरी का जिप्सी शुल्क 2,200 रु., गाइड का शुल्क 350 रु., प्रति जिप्सी प्रवेश शुल्क 1,000 रु.,  कैमरे का शुल्क 250 रु. होगा. 

प्रवेश के पूर्व होगी थर्मल स्क्रीनिंग
बफर के मोहर्ली गेट से देवाडा, आडेगांव, आगरझरी, खुटवंडा गेट से जुनोना, नवेगांव गेट से नवेगांव, रामदेगी, अलीझंझा, निमडंला, कोलारा गेट से कोलारा, मदनापुर, सिरखेडा, पांगडी गेट से पांगडी, झरी गेट से झरीपेठ, केसलाघाट बफर क्षेत्र में सफारी होगी. प्रवेश के पूर्व प्रत्येक पर्यटक की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. बुखार, सर्दी खांसी के लक्ष्ण पाये जाने पर प्रवेश नहीं होगा. हर पर्यटक को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. मास्क, हैंड ग्लोव्ज, पानी के बोतलें बाहर फेंकने पर कार्रवाई होगी. वाहन से नीचे उतरने पर भी दंडित किया जाएगा. प्रत्येक वाहन को सैनिटाइज किया जाएगा.

पर्यटकों को भूखे रहने की नौबत
बफर के जिन क्षेत्र में सफारी शुरू की गई है. वहां बड़े-बडे पैमाने पर रिसोर्ट और रेस्टारेंट है परंतु कोरोना संक्रमण को देखते हुए  बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में सुबह 5 बजे से घर से निकले पर्यटकों को दोपहर तक भोजन नसीब नहीं हो पाएगा. ऐसे में उन्हें लम्बे समय तक भूखे रहने की नौबत आ सकती है.